India Israel Project: भारत-इजराइल परियोजना से जैसलमेर में मिल रहा खजूर की खेती को बल, हर साल हो रहा 400 टन खजूर का उत्पादन
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India Israel Project: भारत-इजराइल परियोजना से जैसलमेर में मिल रहा खजूर की खेती को बल, हर साल हो रहा 400 टन खजूर का उत्पादन

India Israel Project: भारत इजराइल प्रोजेक्ट से राजस्थान के जैसलमेर में खजूर की खेती को बल मिल रहा है. मांग बढ़ने के साथ ही किसानों ने खजूर का उत्पादन भी बढ़ा दिया है. आपको बता दें कि राजस्थान सरकार की पहल पर जैसलमेर में खजूर की खेती करने वाले किसान हर साल 400 टन खजूर का उत्पादन करते हैं. भारत इजराइल प्रोजेक्ट काफी कारगर साबित हो रहा है.

 

India Israel Project: भारत-इजराइल परियोजना से जैसलमेर में मिल रहा खजूर की खेती को बल,  हर साल हो रहा 400 टन खजूर का उत्पादन

India Israel Project: भारत इजराइल प्रोजेक्ट खजूर के किसानों के लिए काफी लाभप्रद साबित हो रहा है. जैसलमेर के भोजका गांव में लगे खजूर फॉर्म हाउस ने किसानों को करीब 50 लाख से अधिक के खजूर के पौधे बेचें. पूरे प्रदेश के किसानों ने इस साल इस खजूर फॉर्म हाउस से खजूर के पौधे खरीद कर अपने जिलों में लगाने के लिए ले गए हैं. प्रदेश में खजूर की खेती अब फलफूल रही है. इस खेती से किसान खजूर की पैदावार करके लाखों रुपए का मुनाफा कमाएंगे. भोजका गांव में लगे करीब 100 हेक्टेयर में फैले खजूर के फॉर्म हाउस में करीब 400 टन खजूर मिल रहा है. भारत इजराइल प्रोजेक्ट को सफलता राजस्थान सरकार की पहल पर मिल रही है. 

भारत-इजरायल परियोजना से मिल रहा खजूर
भारत-इजरायल परियोजना काफी चर्चा में है, राजस्थान में खाड़ी देशों की तरह खजूर की खेती का क्रेज बढ़ता जा रहा है, भारत-इजरायल परियोजना के तहत साल 2008 में जिले के भोजका गांव में 15 हजार खजूर के पौधों का एक फार्म तैयार किया गया. सरकार के कृषि विभाग ने गुजरात की अतुल कंपनी के सहयोग से भोजका में खजूर का खेत तैयार किया था. उस समय यहां 15 हजार 500 पौधे लगाए गए थे. 4 साल बाद फल लगना शुरू हुआ और अब रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है. जानकारी के अनुसार इस फार्म में सालाना 400 टन खजूर का उत्पादन होता है.

ये फॉर्म हाउस करीब 100 हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसमें खजूर की 9 किस्में लगाई जाती हैं. हर साल 400 टन खजूर का उत्पादन हो रहा है. प्रदेश के किसानों में भी अब खजूर की खेती को लेकर क्रेज बढ़ गया है. यहां खजूर की मांग अब पूरे देश में बढ़ती जा रही है. प्रदेश भर के किसानों ने अब अपने खेतों में खजूर की खेती शुरू कर दी है.

50 लाख के पौधे बेचे
भारत-इजरायल परियोजना से खजूर के किसानों को एक बड़ा बाजार मिल रहा है. भोजका खजूर फार्म के मैनिजर आसुतोष ने बताया कि हमारे यहां खजूर के पौधे तैयार करके किसानों को बेचा भी जा रहा है और किसान खजूर कि खेती को सीखकर बड़ी संख्या में खेती के लिए इन पौधों को लेकर जा रहे हैं, एक पौधे की कीमत 1500 रुपये है.

हालांकि सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जाती है. लेकिन खजूर के खेत में पौधे का पूरा पैसा मिलता है. इस साल भी खजूर के खेत में चार हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है. जिस पर फार्म द्वारा 4 हजार 105 पौधे तैयार किए गए हैं. जिसमें से 3 हजार 892 पौधे भी किसानों को बेचे जा चुके हैं. खजूर की खेती से भी 50 लाख रुपये की कमाई हुई है. इसके अलावा बाकी बचे 2 हजार पौधे तैयार हैं और करींब 30 लाख के पौधे और बिकेंगे.

खजूर फार्म मे बने रिसोर्ट के एडवेंचर एक्टिविटी पर्यटकों
भोजका खजूर फार्म के मैनिजर आसुतोष ने बताया ने बताया की की खजूर फार्म मे बने रिसोर्ट व रेस्टोरेंट् के साथ ही इस फार्म में कई एडवेंचर एक्टिविट की जाती है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को खजूर फॉर्म के साथ ही एडवेंचर एक्टिविटी देखने व करने का बहुत बड़ा आनंद आता है जिससे यहां जैसलमेर जिले के पर्यटक स्थलों के साथ में है इस खजूर फॉर्म नाम भी जुड़ गया है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं.

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