जैसलमेर जवाहर अस्पताल की मोर्चरी का होगा कायाकल्प, मरने के बाद अपनों की लाशों को बचाने के लिए देना पड़ता था किराया
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जैसलमेर जवाहर अस्पताल की मोर्चरी का होगा कायाकल्प, मरने के बाद अपनों की लाशों को बचाने के लिए देना पड़ता था किराया

Jaisalmer: सीमावर्ती जिले जैसलमेर का सबसे बड़ा सरकारी जवाहर अस्पताल इन दिनों मुर्दों के लिए कई सालों से सुविधा नहीं होने से परेशान है. इसका कारण यह है कि यहां बनी मोर्चरी में अत्याधुनिक मशीनें तो है, लेकिन उसकी सुविधाएं ताले में बंद है.

Jaisalmer Jawahar Hospital mortuary

Jaisalmer: सीमावर्ती जिले जैसलमेर का सबसे बड़ा सरकारी जवाहर अस्पताल इन दिनों मुर्दों के लिए कई सालों से सुविधा नहीं होने से परेशान है. यहां मृतकों के परिजनों को उनकी बॉडी लेने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.  हालत यह है कि यहां पोस्टमार्टम के लिए उन्हें पैसे तक देने पड़ते है.

इसका कारण यह है कि यहां बनी मोर्चरी में अत्याधुनिक मशीनें तो है, लेकिन उसकी सुविधाएं ताले में बंद है. मुर्दो के शव रखने के लिए बड़े डी फ्रिज और मशीनें होने के बावजूद चिकित्सालय के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण मृतक के परिजनों को शव रखने के लिए रुपए देने पड़ते हैं, क्योंकि वो डी फ्रिज अस्पताल का न होकर किराए पर लिया हुआ है.

वहीं अब अस्पताल की इस मोर्चरी के नवनिर्माण के लिए नगर परिषद जैसलमेर ने 33.25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है. मोर्चरी का काम भी शुरू हो गया है और डेढ़ महीने में मोर्चरी का काम पूरा भी हो जाएगा.

इस मोर्चरी में पोस्टमार्टम रूम, 3 बड़े रूम,वेटिंग हॉल, बाथरूम,पोस्टमार्टम के लिए अत्याधुनिक उपकरण और 6 शव रखे जा सके इतना बड़ा डी फ्रिज भी होगा.हालांकि मोर्चरी में पिछले काफी समय से डी फ्रिज कार्टून में ही पैक है. इसका कारण यह है कि मोर्चरी में सिर्फ दो ही रूम है और वह भी छोटे हैं इस वजह से डी फ्रीज रखने के लिए जगह नहीं थी लेकिन नई मोर्चरी बनने के बाद डी फ्रिज भी यहां संचालित हो सकेगा.

बता दें कि अभी की मोर्चरी में सिर्फ दो ही शव रखे जाने की व्यवस्था है, लेकिन कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं जहां 6 से 7 बॉडियों को मोर्चरी में रखना पड़ता है.  ऐसे में चिकित्सालय के लिए बड़ी समस्या सामने आ जाती है. 

वहीं 24 घंटे के बाद शव बदबू मारने लगता है. इतना ही नहीं यदि हत्या जैसे मामले हो और पोस्टमार्टम में देरी हो तो डीप फ्रिज के बिना शव की सही रिपोर्ट भी नहीं आती. शव खराब होने से सबूत भी मिट जाते लेकिन अब नई मोर्चरी में डीप फ्रिज लगा दिया जाएगा. जिसमें 6 शव रखने की व्यवस्था होगी. 

वही मृतक के परिजनों को ऐसे मामलों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यहां परिजनों के बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. कई बार परिजन गर्मी,बारिश व सर्दी के मौसम में मोर्चरी के बाहर बैठने को मजबूर होते है. नई मोर्चरी में परिजनों के लिए 15 ×30 का वेटिंग हॉल भी बनाया जाएगा जिसमें परिजन बैठ सकेंगे.

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