Jaisalmer: देश की शांति के लिए बलदेव सिंह ने तीस साल में की 3 लाख किमी की साइकिल यात्रा
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Jaisalmer: देश की शांति के लिए बलदेव सिंह ने तीस साल में की 3 लाख किमी की साइकिल यात्रा

Jaisalmer News: जोश और जज्बा हो तो इंसान कैसा भी कठिन काम कर लेता है. उसके आगे सभी विकट परिस्थितियां छोटी पड़ जाती है. ऐसा ही जोश और जज्बा है पंजाब के होशियारपुर जिले के देहाना गांव निवासी बलदेव सिंह का. 

 

 

Jaisalmer: देश की शांति के लिए बलदेव सिंह ने तीस साल में की 3 लाख किमी की साइकिल यात्रा

Jaisalmer, Pokaran: जोश और जज्बा हो तो इंसान कैसा भी कठिन काम कर लेता है. उसके आगे सभी विकट परिस्थितियां छोटी पड़ जाती है. ऐसा ही जोश और जज्बा है पंजाब के होशियारपुर जिले के देहाना गांव निवासी बलदेव सिंह का. बलदेव सिंह ने इसी जोश और जज्बे के चलते पन्द्रह वर्ष की उम्र में साइकिल पर धार्मिक स्थलों की यात्राएं शुरू की थी. आज पैंतालीस वर्ष की उम्र में तीस वर्ष उनको यात्राएं करते हुए हो गए है. इन तीस वर्षों में वे तीन लाख किलोमीटर की यात्रा साइकिल के माध्यम से कर चुके है. इस यात्राओं में वे धार्मिक स्थलों के दर्शन करते है और गुरुद्वारों में अरदास करते है. 

श्रीनगर से शुरू की यात्रा

इस बार उन्होंने अपनी यात्रा श्रीनगर से शुरू की है. वे इसके बाद लुधियाना, अमृतसर, पीलीबंगा, हनुमानगढ़ और बीकानेर होते हुए रामदेवरा पहुंचे हैं. इस दौरान रामदेवरा में उन्होंने बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शन किये और पूजा अर्चना कर देश में खुशहाली की कामना की है. इसके बाद वे आगे गुजरात की द्वारिका स्थित द्वारकाधीश के दर्शन करने निकले है. इस दौरान बीच में वे अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन भी करेंगे.

शांति से जीवन जीने का दे रहे संदेश 

बलदेव सिंह ने बताया कि वे देश में शांति, खुशहाली और विकास की कामना करते हुए यात्रा करते है और लोगों को भी शांति से जीवन जीने का संदेश दे रहे है. प्रतिदिन साइकिल के माध्यम से वे पचास-साठ किलोमीटर यात्रा करते है और रात्रि विश्राम किसी ढाबे या फिर गुरुद्वारे में करते है. बलदेव सिंह महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, उत्तरप्रदेश, बेंगलोर, कर्नाटक, दिल्ली, बिहार, झारखंड आदि राज्यों के धार्मिक स्थलों की यात्रा भी साइकिल के माध्यम से कर चुके है. 

उन्होंने बताया कि वे अपना काम सच्चे मन से करते है, इसलिए आज तक उन्होंने रास्ते में कोई परेशानी नहीं हुई. साइकिल पर उन्होंने अपनी जरूरत के सामान के साथ कपड़ो और ओढ़ने बिछाने का सामान रखा हुआ है. इसको साथ लिए हुए ही वे यात्रा पर निकले हुए है. उन्होंने बताया कि एक यात्रा पूरी होने के बाद वे अपने घर जाते है और वहां कुछ दिन रहने के बाद फिर अपनी अगली यात्रा शुरू करते है.

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