जैसलमेर में गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल को लेकर हाहाकार मचना शुरू हो गया है. मरुस्थलीय जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने से आमजन में रोष है. अब आमजन का सब्र टूटता दिखाई दे रहा है.
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Jaisalmer: गर्मी के प्रहार से आहत जैसाणे में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. सरकारी बैठकों में किए जा रहे दावों के बीच जमीनी सच्चाई यह है कि जैसलमेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल आबादी की तुलना में पानी मुहैया कराने में जिम्मेदारों को पसीना आ रहा है.
जैसलमेर में गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल को लेकर हाहाकार मचना शुरू हो गया है. मरुस्थलीय जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने से आमजन में रोष है. अब आमजन का सब्र टूटता दिखाई दे रहा है.
लोग लगा रहे गुहार
हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग पानी को लेकर गुहार कर रहे हैं कि पानी की समस्या से निजात दिलाई जाए लेकिन जिम्मेदार के कानों में जू तक नहीं रेंगती दिखाई दे रही है. वही लोग ऊंचे दामों में पीने के लिए पानी खरीदने को मजबूर हैं. शहर में कई दिनों से नलों में पानी नही आने से लोग पानी के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं. नलों में पानी नहीं आने से लोग ऊंचे दामों में पीने के लिए पानी खरीदने को मजबूर हैं.
महंगे दामों से डलवा रहे हैं पानी
ग्रामीण क्षेत्र में बसे लोगों को पानी नसीब नहीं होता है इसलिए वह महंगे दामों से पानी के टैंकर मंगवाने पड़ते हैं. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में ज्यादातर ग्रामीण का मुख्य व्यवसाय पशु है और पशुओं को पानी पिलाने की इन दिनों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि महंगे दामों से पानी डलवा कर पशुओं को पिलाना उन दिनों लिए बहुत ही बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है.
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रिपोर्टर - शंकर दान