पोकरण: चरागाह भूमि पर अतिक्रमियों ने किया कब्जा, भटकने को मजबूर मवेशी
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पोकरण: चरागाह भूमि पर अतिक्रमियों ने किया कब्जा, भटकने को मजबूर मवेशी

स्थानीय प्रशासन कि मिली भगत के चलते अतिक्रमणकारियों द्वारा रातों-रात गोचर और आबादी भूमि पत्थर पट्टिया डालकर तारबंदी कर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है. 

भटकने को मजबूर मवेशी

Pokaran: पंचायत समिति सांकड़ा अन्तर्गत ग्राम पंचायत लाठी में रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर ‌और आबादी भूमि ‌और ग्राम पंचायत भादरिया के लोहटा गांव के पास स्थित खसरा नंबर 34 में गोचर भूमि अतिक्रमणकारियों द्वारा पूर्ण रूप से अवैध रूप से कब्जा कर दिया है, इससे मवेशियों को चारा नहीं मिल पा रहा है. मवेशी चारे के लिए सड़कों पर भटक भटक कर वाहनों की चपेट में आकर काल का ग्रास बन रहे हैं.

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स्थानीय प्रशासन कि मिली भगत के चलते अतिक्रमणकारियों द्वारा रातों-रात गोचर और आबादी भूमि पत्थर पट्टिया डालकर तारबंदी कर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है. बावजूद इसके दोनों ग्राम पंचायतों की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं कि जा रही है. जानकारी के अनुसार सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशुओं के लिए गोचर भूमि अर्थात चरागाह भूमि आरक्षित कर रखी है. चरागाह‌‌ और आबादी भूमि की रक्षा और देखभाल करने का जिम्मा ग्राम पंचायत का होता है.

दोनों ग्राम पंचायतों द्वारा ध्यान नहीं देने से ग्राम पंचायत लाठी में रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर ‌और आबादी भूमि और ग्राम पंचायत भादरिया अंतर्गत लोहटा गांव के पास स्थित खसरा नंबर 34 में चरागाह और आबादी भूमि पर अतिक्रमण हो गया है. पंचायत प्रशासन और राजस्व विभाग अतिक्रमण करने वालों पर किसी भी प्रकार कि ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है.

इस कारण अतिक्रमियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. अतिक्रमणकारियों ने चरागाह भूमि पर पूरी तरह से स्वामित्व कर लिया है. यहां तक की चारदीवारी, कांटेदार बाड़ और आवास तक बना लिए हैं. चरागाह भूमि पर अतिक्रमण होने से गांवों और ढाणियों में मवेशियों के लिए चरने की जगह नहीं बची है, इससे मवेशी भटक रहे हैं.

पंचायतें नहीं निभा रही अपना फर्ज
ग्रामीणों ने बताया कि चरागाह और आबादी भूमि की मालिक ग्राम पंचायत होती है. पंचायत की जिम्मेदारी है कि जिस गांव में भूमि कब्जे में है. उसे हटाने की जिम्मेदारी पंचायत की है, लेकिन पंचायतों द्वारा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.

Reporter: Shankar Dan

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