Sanchor news: जिले के भिमगुड़ा वितरिका से निकलने वाली सूराचंद माइनर में पानी छोडऩे, साफ सफाई करने व मरम्मत करने की मांग को लेकर किसानों का चार दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
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Sanchor news: जिले के भिमगुड़ा वितरिका से निकलने वाली सूराचंद माइनर में पानी छोडऩे, साफ सफाई करने व मरम्मत करने की मांग को लेकर किसानों का चार दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. किसानों की और से टांपी हैड के सामने टेल तक सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि हर साल पानी की मांग को लेकर भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
सिस्टम से विभाग पानी देने में फेल
विभाग की लापरवाही के चलते सिस्टम से विभाग पानी देने में फेल हो रहा है. अब माइनर में पानी नहीं आने से सिंचाई का संकट गहराने लगा है।सुराचंद माइनर में टेल तक पानी नहीं पहुंचने से चार दिनों से पानी देने की मांग को लेकर किसानों ने नर्मदा विभाग के मुख्य अभियंता के नाम ज्ञापन भेजा. किसानों ने कहा कि कई बार नर्मदा नहर के मुख्य अभियंता को अवगत करवाया गया, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है रबी सीजन को लेकर किसानों ने अपने खेतों को 15 से 20 दिन पूर्व से तैयार कर लिया था. मगर नर्मदा नहर के पानी की आस लगाए बैठे किसानों को अब नहर के पानी का इंतजार करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि समय रहते उचित पानी नहीं दिया गया और टेल तक पानी नहीं पहुंचा तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
सूखे पड़े टेल के माइनर
टांपी हैड के सामने चल रहे किसानों के धरने में नर्मदा नहर से जुड़े कई डिग्गी अध्यक्ष शामिल हुए. जबर सिंह खेजडियाली ने बताया कि कई बार नर्मदा नहर के मुख्य अभियंता को अवगत करवाया गया, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। और ना ही विभाग के अधिकारी इस और कोई ध्यान दें रहे हैं ऐसे में किसान बहुत दुःखी हैं. सिपाहियों की ढाणी, शिवगढ़, नवापुरा, दासोरीया व बावरला सहित दर्जनों माइनर टेल तक सूखे पड़े है. जिससे किसानों को सिंचाई से वंचित होना पड़ रहा है। टेल तक पानी पहुंचाने को लेकर विभाग की ओर से स्थायी समाधान नहीं करने से किसानों को हर साल पानी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करना पड़ता है.
नहरों की साफसफाई भी नहीं हुई
किसानों ने नर और माइनरो की साफ सफाई को लेकर सवाल खड़े किए हैं और बताया कि इस बार नेहड़ के माइनरों में झाडिय़ां उग आई हैं. कई जगह माइनर मिट्टी से भरी पड़ी है। ऐसे में नहर का पानी अंतिम टेल तक नहीं पहुंच पाएगा. भंवराराम सुराचंद ने बताया कि नेहड़ क्षेत्र से कई गांवों के किसानों ने हमारे धरने का समर्थन किया है.
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