साधु रविनाथ की मौत, हत्या या आत्महत्या, सीसीटीवी और सुसाइड नोट खोलेगा राज- रामलाल जाट
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साधु रविनाथ की मौत, हत्या या आत्महत्या, सीसीटीवी और सुसाइड नोट खोलेगा राज- रामलाल जाट

कुछ दिन पहले ही खनन के मामले को लेकर भरतपुर में संत विजयदास ने आत्महत्या कर ली थी, तो वही जालोर में साधु रविनाथ ने खुदकुशी कर ली. मामले को लेकर कांग्रेस का एक जांच दल घटना स्थल पर पहुंचा.

साधु रविनाथ की मौत, हत्या या आत्महत्या, सीसीटीवी और सुसाइड नोट खोलेगा राज- रामलाल जाट

Jalore : राजस्थान में दूसरे संत की आत्महत्या के बाद राजनीति गरमाई हुई है. कुछ दिन पहले ही खनन के मामले को लेकर भरतपुर में संत विजयदास ने आत्महत्या कर ली थी, तो वही जालोर में साधु रविनाथ ने खुदकुशी कर ली. मामले को लेकर कांग्रेस का एक जांच दल घटना स्थल पर पहुंचा.

जालोर के जसवंतपुरा थाना क्षेत्र के सुंधामाता तलहटी पर राजपुरा गांव के बाला हनुमान आश्रम के साधु रविनाथ के सुसाइड के मामले में जांच करने के लिए जांच दल ने समाजबंधुओं, प्रशासनिक अधिकारियों और आमजन से विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली और ज्ञापन प्राप्त किया.

इस दौरान राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि साधु रविनाथ की मृत्यु का प्रकरण बेहद निंदनीय और गंभीर है. विधायक के विरुद्ध मामला होने के कारण इसकी जांच सीआईडी सीबी कर रही है, फिर भी कांग्रेस पार्टी ने कई तथ्य जुटाने के लिए जांच दल बनाया है. जिसमें सामने आया है कि घटनास्थल से प्राप्त हुए सुसाइड नोट और सीसीटीवी के आधार पर ही यह तय हो सकेगा कि इस प्रकरण में आखिर दोषी कौन है.

आर्थिक सहयोग का दिया भरोसा
प्रतिनिधिमंडल के साथ जांच दल ने जसवंतपुरा स्थित तहसील कार्यालय में कुछ देर चर्चा की. वहां कांग्रेस पार्टी की ओर से आश्रम को आर्थिक सहायता भी देने का भरोसा दिलाया. जिससे कि आश्रम का समाज की उन्नति के लिए व्यवस्थित संचालन हो सके. साथ ही आश्रम के लिए रास्ता दिलाने के लिए प्रक्रिया कार्य करने का भी आश्वासन दिया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आश्रम के लिए जमीन अलॉटमेंट करने के प्रावधानों को खंगाला जाएगा. नियमानुसार आश्रम के लिए जमीन की आवंटन प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी.

एफएसएल जांच के बाद खुलेगा राज
मंत्री जाट ने कहा कि जिस दिन भीनमाल विधायक पूराराम से विवाद हुआ. उस रात को कमरे से रात 2 बजकर 51 मिनट पर अन्य साधुओं ने रविनाथ को बाहर निकलते देखा था, फिर वापस आते नहीं देखा और सुबह पेड़ से रविनाथ का शव लटका पाया. वहीं चारपाई पर एक सुसाइड नोट भी पड़ा मिला. अब एफएसएल से ही तय हो सकेगा कि उक्त सुसाइड नोट किसने लिखा था, साधु रविनाथ ने लिखा या किसी और की लेखनी है. साथ ही सीसीटीवी से भी फुटेज जुटाए गए है, जिससे स्पष्ट होगा कि आखिर वास्तविक घटना क्या है. 

वहीं मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी और उनके अन्य जनप्रतिनिधियों को ये भी जानकारी होती कि खातेदारी जमीन से रास्ता किस हिसाब से दिया जा सकता है, तो आज साधु रविनाथ हमारे बीच होते. मंत्री ने कहा कि 12 फीट से लेकर अधिकतम 30 फीट चौड़ाई तक डीएलसी दर भरकर रास्ता प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इस बिंदु को किसी ने ध्यान में नहीं रखा. जिस कारण इतनी बड़ी घटना हो गई. मंत्री जाट ने कहा कि साधु रविनाथ की मृत्यु प्रकरण में जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा.

जांच दल ने कांग्रेस नेताओं से भी की चर्चा
जांच दल में शामिल राजस्व मंत्री रामलाल जाट, प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया और प्रदेश सचिव भूराराम सीरवी ने घटनास्थल पर जिला कलेक्टर निशांत जैन और एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला से विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली. इस दौरान पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ समरजीतसिंह, सवाराम पटेल, रामलाल मेघवाल, रमीला मेघवाल, उमसिंह चांदराई, सेवादल अध्यक्ष पुखराज विश्नोई, श्रवणसिंह, देराम विश्नोई, जुंजाराम समेत कांग्रेस के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

आपको बता दें कि आश्रम के आगे भीनमाल विधायक पुराराम चौधरी की भी जमीन है. जिसकी खाई खुदाई को लेकर हुए विवाद के बाद साधु रविनाथ का शव पेड़ से लटका मिला. इस मामले में भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी, चालक धनसिंह और बिजनाथ के विरुद्ध सुसाइड नोट के आधार पर आईपीसी 306 के तहत मामला दर्ज है.

रिपोर्टर - डूंगरसिंह राठौड़

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