झुंझुनूं में इसी साल जनवरी माह में एक मां ने अपनी बच्ची को बीडीके अस्पताल के बाहर लावारिस छोड़ दिया था. इस बच्ची का ईलाज करीब 50 दिनों तक बीडीके अस्पताल में चला और अस्पताल के कर्मचारियों ने ही बच्ची को एक नाम भी दिया मुस्कान.
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Jhunjhunu News: झुंझुनूं में इसी साल जनवरी माह में एक मां ने अपनी बच्ची को बीडीके अस्पताल के बाहर लावारिस छोड़ दिया था. इस बच्ची का ईलाज करीब 50 दिनों तक बीडीके अस्पताल में चला और अस्पताल के कर्मचारियों ने ही बच्ची को एक नाम भी दिया मुस्कान.
मुस्कान को बीडीके अस्पताल में झुंझुनूं नगर परिषद की पार्षद हीना कौशर अपना दूध पिलाने भी कई बार गई थी. तब से पार्षद हीना कौशर का जुड़ाव इस बच्ची के साथ हो गया. मुस्कान की पहली दिवाली झुंझुनूं के शिशु गृह में ही मनेगी. मुस्कान की पहली दिवाली और बच्चों की तरह हंसी खुशी से मनाई जाए इसलिए उसकी यशोदा मां पार्षद हीना कौशर आज अपने परिजनों के साथ शिशु गृह पहुंची. जहां पर उन्होंने मुस्कान से मुलाकात की और अपनी गोद में भी उसे खिलाते हुए भावुक हो गई.
पार्षद हीना कौशर अपने साथ ना केवल मिठाई, बल्कि मुस्कान की नई ड्रेस और खिलौने भी लेकर गई. शिशु गृह में अन्य बच्चों के लिए भी हीना कौशर ने मिठाई, खिलौने और ड्रेस दिए. इस मौके पर हीना कौशर ने मुस्कान समेत अन्य लावारिस बच्चों को प्यार देने और सार संभाल करने वाले अधीक्षक अंकित मील, केयर टेकर भूपेंद्र, आया सिलोचना, गार्ड शीशराम और राकेश आदि का सम्मान किया.
इस मौके पर पार्षद ने किशोर और बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों को भी उपहार दिए. वहीं गृह के लिए 5100 रूपए की राशि सहयोग के लिए भी दी. गई है. बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक पवन पूनियां ने पार्षद हीना कौशर समेत उनके परिजनों और इस सोच को आगे बढ़ाने में सहयोगी रहे सभी का आभार जताया. खास तौर पर बाल कल्याण समिति के सदस्य एडवोकेट मोहम्मद अख्तर को शुक्रिया अदा किया. इस अवसर पर अब्दुल मजीद, शौकत गौरी, मकबूल सैय्यद, महमूद सैय्यद, आबिदा बानो, लाल मोहम्मद आदि उपस्थित थे.
Reporter: Sandeep Kedia
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