लोगों का कहना है कि पोकरण-फलसुड-बालोतरा-सिवाना पेयजल परियोजना शुरू किए 18 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. इसी मांग को लेकर लोग बीते 2 महीने से धरने पर बैठे हैं.
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Barmer: पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर (Barmer News) आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहा है. यहां कितनी सरकारें आई और गई लेकिन पानी का स्थाई समाधान नहीं कर पाई. जिले के सिवाना क्षेत्र में पानी के लिए सबसे लंबा आंदोलन चल रहा है.
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वहीं, लोगों का कहना है कि पोकरण-फलसुड-बालोतरा-सिवाना पेयजल परियोजना शुरू किए 18 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. इसी मांग को लेकर लोग बीते 2 महीने से धरने पर बैठे हैं.
6 महीने से धरने पर बैठे लोग
सिवाना क्षेत्र के 101 गांवों में पानी के स्थाई समाधान के लिए वर्ष 2003 में पोकरण-फलसुड-बालोतरा-सिवाना पेयजल परियोजना शुरू की गई थी लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हुआ है और परियोजना का अंतिम चरण अधूरा है. अधूरे कार्य के तहत मुख्य रूप से बालोतरा, सिवाना के बीच साईजी का फांटा से सिवाना तक मात्र 10 किलोमीटर दूरी तक पाईपलाइन बिछाने का कार्य अधूरा है. इसको लेकर सिवाना कस्बे के ग्रामीण सिवाना तहसील के आगे 6 महीने से धरने पर बैठे हैं.
बाड़मेर जिले का पानी के ऐसा बड़ा आंदोलन है जो 6 महीने से चल रहा है. धरने पर बैठ लोग प्रतिदिन मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) के नाम ज्ञापन सिवाना के प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप रहे हैं लेकिन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि धरने पर जनप्रतिनिधि, विधायक और मंत्री तक पहुंच चुके हैं लेकिन पानी का समाधान अभी तक नहीं हुआ है.
बाड़मेर में एक मात्र बीजेपी (BJP) विधायक हमीर सिंह भायल (Hameer Singh Bhayal) भी सिवाना विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. यहीं एक वजह हो सकती है कि इतने लंबा समय बीते जाने के बाद भी 10 किलोमीटर पाइप लाइन का काम अटका पड़ा है. सिवाना विधायक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) पर आरोप लगा चुके हैं कि सिवाना में राज्य सरकार को लेकर भेदभाव कर रही है.
वहीं, सिवाना कांग्रेस (Congress) में भी अलग-अलग धड़े होने के कारण खींचतान के चलते काम पूरा नहीं हो पा रहा है. पोकरण-फलसुड-बालोतरा-सिवाना परियोजना का बालोतरा से सिवाना के बीच में 10 किलोमीटर पाईप लाइन बिछाने और टैंक निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.
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इसको लेकर सिवाना संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीण सिवाना तहसील के आगे धरने पर बैठे हैं. इस परियोजना का काम अंतिम चरण का पूरा करने और वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पाईप लाइन बिछाकर सिवाना कस्बे तक परियोजना का पानी पहुंचाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.
मार्च में शुरू हुए धरने के बाद कोरोना (Corona) की दूसरी भयावह और जानलेवा लहर भी निकल चुकी है. 6 महीने से चल रहे धरने पर लोग अहिंसात्मक तरीके से बैठे है और शाम होते ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते है.
Reporter- Bhupesh Acharya