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Ramlal Jat: राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट को अब 5 करोड़ की धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तारी का डर सता रहा है. इससे बचने के लिए जाट ने हाईकोर्ट का सहारा लिया है. 20 दिसंबर को हाई कोर्ट में उन पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में दर्ज 5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में सुनवाई होगी. पूर्व मंत्री ने 14 दिसंबर को दर्ज एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी.
पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर ने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे.
इसके बदले 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था, लेकिन कागज नाम होने के बाद रुपए नहीं दिए गए.
रामलाल जाट ने करेड़ा थाने में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर 211 के खिलाफ हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की है. उन्होंने सेक्शन 482 सीआर पीसी (204) के तहत उन पर दर्ज एफआईआर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की है.
भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में 17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने FIR दर्ज की थी. रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी का नाम है.
खास बात थी कि रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही थाना प्रभारी ओम प्रकाश का ट्रांसफर हो गया था. उनके ट्रांसफर को भी इस मामले से जोड़कर देखा गया था और यह काफी चर्चा में रहा था.
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