Bilara: ओलवी-रामासनी तालाब में शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की गणना, प्रजाति पक्षियों को किया गया चिन्हित
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Bilara: ओलवी-रामासनी तालाब में शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की गणना, प्रजाति पक्षियों को किया गया चिन्हित

रामासनी और औलवी गांव के तालाब पर बड़ी संख्या में प्रवासियों पक्षियों का जमावड़ा रहता है. पक्षी भी अपने आप को सुरक्षित जगह मानते हैं, यहां पर बड़ी संख्या में प्रवासियों पक्षियों का पड़ाव डालकर रहते हैं. जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के रामासनी और औलवी गांवो में वन्य जीव संरक्षण जोधपुर (Wildlife Conservation Jodhpur) के तहत शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की मिडविंटर वाटर फॉऊल पापुलेशन एस्टिमेशेन सन 2022 की गणना की गई. 

प्रवासी पक्षियों की गणना

Bilara: रामासनी और औलवी गांव के तालाब पर बड़ी संख्या में प्रवासियों पक्षियों का जमावड़ा रहता है. पक्षी भी अपने आप को सुरक्षित जगह मानते हैं, यहां पर बड़ी संख्या में प्रवासियों पक्षियों का पड़ाव डालकर रहते हैं. जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के रामासनी और औलवी गांवो में वन्य जीव संरक्षण जोधपुर (Wildlife Conservation Jodhpur) के तहत शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की मिडविंटर वाटर फॉऊल पापुलेशन एस्टिमेशेन सन 2022 की गणना की गई. उपवन संरक्षक विजय बोराणा ने बताया कि 28 जनवरी से 2 फरवरी तक 8 तालाब किनारे प्रवासी पक्षियों की गणना का कार्य किया गया. 6 दिन चले गणना के कार्य में प्रवासी पक्षियों की गणना में 50 प्रजाति पक्षियों को चिन्हित किया गया. 

सहायक वन संरक्षक कृष्ण कुमार व्यास, रोहित बालानी, शिवलाल, अशोक कुमार, भागीरथ, ताराराम, श्यामलाल, बंशीलाल ,प्रवीण तथा मनोज विश्नोई वनरक्षक ने गणना का कार्य किया. ओलवी और रामासनी तालाब सहित जिले के अन्य तालाबों पर शीतकालीन पक्षी गणना की गई. प्रवासी पक्षी व्यवहार व प्रवास विशेषज्ञ शरद पुरोहित, बर्डवाचर राहुल व्यास तथा दर्शन कल्ला का विशेष सहयोग रहा. रामासनी तालाब पर 2 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी रफ का झुंड नजर आया. साथ ही एक लेसर फ्लोमिंगो, नॉर्दर्न शोव्लर कूट, मलाड, एक्सटेंड डक, कॉमन टील, यूरो असियन विजर कुंरजा, लिटिल रिंग, बार हेडेड डक सहित 50 से अधिक प्रवासी पक्षी नजर आए. रामासनी तालाब पर कुरजा के बाद प्रवासी पक्षियों का सबसे बड़ा समूह रफ पहुंचा, जलाशय पर डेरा डाला है.

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उप वन संरक्षक वन्यजीव जोधपुर विजय बोराणा ने बताया कि प्राय गुजरात के समुद्र तट के पास बहुतायत में नजर आने वाले पक्षियों को अब जिले का रामासनी तालाब रास आने लगा है. इस क्षेत्र मे रफ प्रवासी पक्षी के पहुंचने का प्रमुख कारण नमकीन भूमि के साथ छिछले पानी में अन्य प्रजाति के कीड़ों का आहार मिलता है. इस इलाके में नमकीन पानी की बहुलता है. रामासनी तालाब में शीतकालीन गणना के दौरान 2 हजार से अधिक रफ पक्षी अठखेलियां करते नजर आए. 

रफ एक मध्यम आकार का पक्षी है जो पूरे उत्तरी यूरेशिया में दलदली और गिली घास के मैदानों में प्रजनन करता है. यह अत्यधिक मिलनसार सैंडपाइपर प्रवासी हैं और कभी-कभी इसके सर्दियों के मैदानों में विशाल झुंड बनाता है, जिसमें दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण एशिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. एक साथ हजारों की झुंड में अलग-अलग तरह की आकृति बनाकर उड़ान भरने वाले रफ पक्षी कीट पतंगों के साथ धान -बीजो पर आश्रित रहता है.

सुबह से शाम तक ये वेटलेडस के ऊपर चक्कर काटते रहते हैं. वर्तमान में रामासनी तालाब पर पड़ाव डाल चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके प्राकृत आवासों के कम होने से गत एक दशक में इनकी तादाद में कमी देखी जा रही है. 
Report- Arun Harsh

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