गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन में हेमाराम चौधरी का नाम सबसे पहले है. हेमाराम चौधरी कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं.
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Barmer: एक लंबे सियासी अंतराल के बाद फाइनली आज गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है. सीएम अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में 11 कैबिनेट चार राज्य मंत्रियों के अलावा पंद्रह संसदीय सचिव ओर 7 एडवाइज़र बनाए जाएंगे. इसके अलावा विधायकों को बोर्ड निगम कॉरपोरेशन में भी एडजस्ट किया जाएगा.
गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Gehlot cabinet reorganization) में हेमाराम चौधरी का नाम सबसे पहले है. हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं. हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी से विधायक हैं. हेमाराम को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. सूची जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है. बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जयपुर पहुंचे हैं.
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वहीं, कैबिनेट मंत्री बनने की घोषणा के बाद हेमाराम चौधरी का बयान सामेन आया है. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट मेरे नेता हैं. इन्होंने आलाकमान से मेरे लिए बात की. सचिन पायलट की भावी भूमिका पर भी हेमाराम चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट बड़े प्रभावशाली नेता हैं. कांग्रेस पार्टी को उन्हें बड़ी भूमिका दी जानी चाहिए. इससे आगे आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा- मेरे क्षेत्र से जुड़ी कुछ समस्याओं का ही समाधान हुआ है. बाकी समस्याओं के लिए प्रयास करता रहूंगा.
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बीते 43 साल से राजनीति में हैं सक्रिय
बाड़मेर जिले की बायतू तहसील के गांव बायतू भीमजी में किसान मूलराम चौधरी (धतरवाल) के घर 18 जनवरी 1948 को जन्मे हेमाराम चौधरी ने जोधपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की. 1971 में भीखी देवी से शादी की. इनके एक बेटी है. बेटे वीरेंद्र का निधन हो चुका है. हेमाराम चौधरी राजनीति में बीते 43 साल से सक्रिय हैं. 1978 में इन्होंने वार्ड पंच का चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा था. इसके बाद साल 1980, 1985, 1998, 2003, 2008 और 2018 में कुल सात बार विधायक रह चुके हैं.
खास बात यह है कि हेमाराम चौधरी हर बार बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी से ही विधायक चुने जाते हैं. ये साल 2003 में अशोक गहलोत सरकार में परिवार कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), कृषि राज्यमंत्री व गहलोत सरकार के द्वितीय कार्यकाल में राजस्व मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, वसुंधरा राजे के प्रथम कार्यकाल मे नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. 2013 को चुनाव हार गए थे.2018 फिर से गुड़ामालानी से विधायक चुने गये हैं.