जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की हरियाणा से हार के बाद कुलदीप बिश्नोई के ट्वीट पर तंज कसा तो यूजर ने हंगामा कर दिया
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Jodhpur : सोशल मीडिया पर अक्सर आक्रामक रहने वाली ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा हाल ही में राज्यसभा चुनाव परिणामों के बाद अपने एक ट्वीट को लेकर बैकफुट पर नजर आई. हमेशा Twitter पर अपने विरोधियों को तल्खी से जवाब देने वाली दिव्या मदेरणा इस बार बेहद शांत और सधे हुए तरीके से जवाब देती नजर आई.
दरअसल राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन हरियाणा से चुनाव लड़े. वो बीजेपी समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के सामने चुनाव हार गए. माना जा रहा है कि कुलदीप विश्नोई की वजह से ये हार हुई. जिसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ एक्शन भी लिया.
राज्यसभा चुनाव के दिन कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर लिखा था- फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते. चुनाव परिणाम आए, तो अजय माकन हार गए. इसके अगले दिन राजस्थान के एक पत्रकार ने ट्वीट करते हुए कहा कि आखिरकार अजय माकन...की हार का जिम्मेदार कौन है??
इस ट्वीट का जवाब देते हुए दिव्या मदेरणा ने सांप को जिम्मेदार बताया. और लिखा- साँप ! (According to @bishnoikuldeep ji ) बस यहीं से हंगामा खड़ा हो गया. कुलदीप बिश्नोई के समर्थक उनके सांप शब्द को कटघरे में खड़ा करने लगे. जब कमेंट की बाढ़ आने लगी तो दिव्या मदेरणा को समझ आया कि कुलदीप विश्नोई के ट्वीट के संदर्भ में अजय माकन की हार के लिए सांप की उपमा देना भारी पड़ सकता है.
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गुस्साए यूजर को शांत करने के लिए दिव्या मदेरणा ने खुद ट्वीटर पर मोर्चा संभाला. उन्हौनें कुलदीप बिश्नोई के ट्वीट का स्क्रिनशॉट शेयर करते हुए यूजर को ये समझाने की कोशिश की, कि वो सांप शब्द का इस्तेमाल बीजेपी के लिए कर रही है. उन्हौने लिखा- "कुलदीप बिश्नोई जी अपनी शेर ओ शायरी से किसी को सांप की उपमा देकर राजनीतिक तंज़ कस रहे हैं लेकिन मेरे हिसाब से बीजेपी लोकतंत्र के लिए सबसे खतरनाक सांप है।क्योंकि व रोज़ लोकतांत्रिक मूल्यो को डंस रही है"
प्रकाश बिश्नोई नाम के एक यूजर ने कुलदीप बिश्नोई के पिता भजनलाल के दिव्या मदेरणा के दादा पर किए एहसान को याद दिलाते हुए लिखा - "आदरणीय बहन दिव्या जी आप अपने दादाजी का इतिहास भूल चुकी है जब आपके दादा जी मेरे विधानसभा क्षेत्र गुडामालानी से चुनाव लड़ रहे थे तो सबसे ज्यादा भजनलाल बिश्नोई ने मदद की थी क्योंकि उन्होंने हरियाणा और नागौर से गुंडों को बुलाकर मत केंद्र पर कब्जा कर आपके दादा जी को चुनाव जीतया था"
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एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि 2023 में समस्या आने वाली है. तब हुड्डा नहीं बिश्नोई ही काम आएंगे. इन सवालों को देखते हुए दिव्या मदेरणा ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी सफाई दी.
दिव्या मदेरणा ओसियां से विधायक है. अगले ही साल वहां विधानसभा चुनाव होने वाले है. ओसियां में सबसे ज्यादा जाट वोटर है. उसके बाद राजपूत वोटर है. राजपूत मूल रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. इसके बाद तीसरे नंबर पर बिश्नोई वोटर है. ओसियां में करीब 25 हजार बिश्नोई वोटर है. ऐसे में चुनावों से एक साल पहले अपने किसी भी एक ट्वीट की वजह से बिश्नोई समाज को नाराज करना दिव्या मदेरणा को भारी पड़ सकता था. लिहाजा दिव्या मदेरणा ने हालातों को समझते हुए तुरंत मोर्चा संभाला और सोशल मीडिया पर ही लोगों को ये समझाने की कोशिश की कि उनका ये ट्वीट किसी समाज या किसी व्यक्ति के लिए नहीं था. हालांकि बावजूद इसके कई लोग इसे यू टर्न कहकर कमेंट करते रहे. तो कई लोग दिव्या मदेरणा का साथ देते नजर आए.
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