राजस्थान में जहां एक-एक वेंटिलेटर के लिए मशक्कत और भागदौड़ चल रही है.
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Sirohi: राजस्थान में जहां एक-एक वेंटिलेटर के लिए मशक्कत और भागदौड़ चल रही है. वहीं, सिरोही में 42 वेंटिलेटर आए हुए एक साल बीतने को है लेकिन इसका उपयोग इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इनको शुरू करने के लिए इनसे जुड़े उपकरण (अन्य मशीन) की जरूरत है.
आश्चर्य की बात यह है कि चिकित्सा प्रशासन इन उपकरणों को एक साल से नहीं खरीद पाया है. इस बीच यहां हर रोज संदिग्ध और कोविड मरीज दम तोड़ रहे हैं. लेकिन कृत्रिम सांस देने वाली 42 वेंटिलेटर मशीनें एक साल से शुरू ही नहीं हो पाई हैं.
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ये मशीनें अब भी कमरों में बंद पड़ी हैं. जानकारों की मानें तो यदि जिला अस्पताल में नए वेंटिलेटर समय पर शुरू हो जाते तो कई जिंदगियां बच सकती थी. जिला अस्पताल में अब एक भी वेंटिलेटर शुरू होने की स्थिति में नहीं है, यानी उपयोग में नहीं आ रहा.
जानकारी के अनुसार, सिरोही जिले में डेढ़ साल पहले तक दो वेंटिलेटर ही थे. उस जिले में अकेले जिला अस्पताल में 42 वेंटिलेटर का आना और सिर्फ मामूली मशीनरी के कुछ उपकरणों की वजह से शुरू नहीं हो पाना सबसे बड़ा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा. यहां के चिकित्सकों और जिला प्रशासन ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया, तभी तो वेंटिलेटर अब तक कमरों की शोभा ही बने रहे.
वहीं, मुख्य CMHO राजेश कुमार कहते है की वेंटिलेटर शुरू करने के लिए कुछ उपकरण खरीदे जाने हैं. इसके लिए कलेक्टर फंड से 26.55 लाख रुपए स्वीकृत हो गए हैं. एबीजी मशीन का आज आर्डर दे दिया है. 30 अप्रैल तक आ जाएगी. इसके बाद जल्द मल्टिपैरा मॉनिटर भी खरीदकर वेंटिलेटर शुरू कर दिए जाएंगे.
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कोरोना से 14 दिनों में 105 मौंतें
दूसरी लहर में मरीजों के साथ मौंत के आंकड़ें तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 14 दिन की बात करें तो अब तक सिरोही जिला अस्पताल में 105 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसमें से 14 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. जबकि 91 कोरोना के संदिग्ध मरीज थे. ये आंकड़े सिर्फ सिरोही जिला अस्पताल के हैं. पूरे जिले के आंकड़ें और भी चैंकाने वाले होंगे.
(इनपुट-साकेत गोयल)