जोधपुर के बिलाड़ा में खारिया मीठापुर गांव के बस स्टैंड पर स्थित भाजपा कार्यालय पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
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Bilara: जोधपुर के बिलाड़ा में खारिया मीठापुर गांव के बस स्टैंड पर स्थित भाजपा कार्यालय पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश और प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को बढ़ावा देने और हर किसानों को जोड़ने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
सरकार जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए 2015-16 से कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से दो योजनाएं चला रही है. ये दो योजनाएं ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ (पीकेवीवाई) और ‘उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए मिशन जैविक मूल्य श्रृंखला विकास’ (एमओवीसीडीएनईआर) हैं. इसके लिए राज्य सरकार को जिस फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना होता है, उक्त फसल से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी तय समय में केंद्र सरकार को उपलब्ध करवानी होती है.
इसको लेकर केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं और राज्य सरकार की मांग को देखते हुए खाद्यान्न और वाणिज्यिक सभी प्रकार की फसलों में बढ़ोतरी भी कर सकती है. खेती को नई तकनीक से जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया. किसानों को बेहतर बीज, उत्पादन की कम लागत, भंडारण सुविधाओं और बाजार पहुंच की जरूरत है. देश के छोटे किसानों पर एफपीओ और हनी मिशन जैसी योजनाओं से ध्यान केंद्रित किया गया है. मधुमक्खीपालन के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 500 करोड़ रु. का विशेष पैकेज दिया गया है.
सरकार की कोशिश है कि सभी के सहयोग से गांवों में आम गरीब किसानों और खेतिहर मजदूरों को मधुमक्खीपालन से जोड़कर, कम पैसे-कम लागत में ट्रेनिंग देकर उनके जीवनस्तर में बदलाव लाया जाएं, सभी हितधारक इस दिशा में सोचे और इसे अमल में लाएं. गांव-गरीब-किसान के लिए समर्पित है, वहीं इस आयोजन के माध्यम से लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल जी का भी सान्निध्य हमें मिला है.
इस दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मधुमक्खीपालन के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को नई टेक्नालाजी के साथ ही आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए है. सरकार मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है, ताकि किसानों की आय बढ़ें. प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की भलाई के लिए लगातार कार्य किया है, कोरोना काल के दौरान भी उन्होंने आवश्यक छूट देकर कृषि कार्य को प्रभावित नहीं होने दिया.
इसके लिए राज्य सरकार को जिस फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना होता है, उक्त फसल से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी तय समय में केंद्र सरकार को उपलब्ध करवानी होती है. इसको लेकर केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं और राज्य सरकार की मांग को देखते हुए खाद्यान्न और वाणिज्यिक सभी प्रकार की फसलों में बढ़ोतरी भी कर सकती है.
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देश बागवानी इलाके के उत्पादन में आगे निकला
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को दी गई सुविधाओं और बागवानी इलाके की किस्मों के विकास के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रयासों और किसानों की मेहनत की वजह से आज देश में बागवानी इलाके का उत्पादन कृषि क्षेत्र के उत्पादन से भी आगे निकल गया है. ‘मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर’ यानी एमआईडीएच योजना के अंतर्गत कृषि मंत्रालय 2014-15 से ही लगातार बागवानी में मौजूद संभावनाओं को साकार करने को लेकर काम कर रहा है.
इस बागवानी मिशन ने खेतों में इस्तेमाल की जाने वाली सर्वोतम प्रणालियों को बढ़ावा दिया है. इससे उत्पादकता और उत्पादन की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है. इससे न केवल बागवानी में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है. इससे अच्छा स्वास्थ्य, गरीबी से मुक्ति और लैंगिक समानता जैसे लक्ष्यों को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
युवाओं को कृषि से जोड़ने का लक्ष्य
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुना करने के लिए सरकार प्रभावी पग उठा रही है. कहा कि किसान प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए उत्साहित हैं. आईसीआर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से अग्रसर है.
मधुमक्खीपालकों को सशक्त करने के लिए कृषि मंत्री ने उठाया बड़ा कदम कहा- ग्रामीण प्रगति से बढ़ेगा देश
मधुमक्खीपालक किसानों को जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि इस अतिरिक्त कार्य से उनकी आमदनी काफी बढ़ी है. छोटे किसानों को सशक्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है, जिसे हासिल करने में मधुमक्खीपालन जैसे कृषि के सह-कार्यों का काफी योगदान हो सकेगा. भारत की लगभग 55 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, जिनकी प्रगति से ही हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बन सकेगा.
देश में मीठी क्रांति लाने के लिए सरकार बहुत गंभीरता से काम कर रही है. केंद्र सरकार ने देश में विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं स्थापित की है. राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन नामक केंद्रीय वित्त पोषित योजना ने 5 बड़ी क्षेत्रीय और 100 छोटी शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य है. जिनमें से 3 विश्वस्तरीय अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं खोली जा चुकी हैं. वहीं मंजूर 25 छोटी प्रयोगशालाएं स्थापना प्रक्रिया में हैं. कोशिश है कि छोटे किसानों को शहद परीक्षण के लिए दूर नहीं जाना पड़े.
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर पूर्व मंत्री अर्जुन लाल गर्ग, उपसरपंच लक्ष्मण सिंह राठौड़, मंडल सदस्य चंद्रशेखर पारीक, नारायण सिंह राठौड़, गोपाल दास वैष्णव, निर्मल गर्ग, गणेश सैनी, किसान किसनाराम बागड़ा, नवरतन सहित ग्रामीण किसान मौजूद थे.
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