Karwa Chauth 2023 Puja Thali: 1 नवबंर 2023 को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा, जो सुहागिनें पहली बार ये व्रत कर रही हैं, उन्हे ये पता होना चाहिए कि पूजा की थाली में ये चीज नहीं हो तो पूजा ही अधूरी मानी जाती है.
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Karwa Chauth 2023 Puja Thali: 1 नवबंर 2023 को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा, जो सुहागिनें पहली बार ये व्रत कर रही हैं, उन्हे ये पता होना चाहिए कि पूजा की थाली में ये चीज नहीं हो तो पूजा ही अधूरी मानी जाती है.
हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु और उन्नति के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत करती है. करवा चौथ का व्रत अखंड प्रेम-सम्मान और त्याग का प्रतीक है. इस व्रत में शिव-पार्वती और चंद्रदेव की पूजा कर सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना की जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार 1 नवंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 15 मिनट तक ये व्रत किया जा सकेगा. इस व्रत के दौरान निर्जला व्रत कर शाम में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को खोला जाता है. अगर आप पहली बार ये व्रत कर रही हैं तो आपको पूजा थाली में ये चीजें जरूर रखनी हैं.
करवा चौथ का चांद रात 8 बजकर 15 मिनट पर निकलने की उम्मीद है. हांलाकि शहर के अनुसार समय में बदलाव संभव है. अब बात करवा चौथ की सरगी लिस्ट की तो इस लिस्ट में फल, मेवे, नारियल,पका भोजन, मिठाई,हलवा या सेवई के साथ ही सोलह श्रृंगार का सामान रखा जाता है.
करवा चौथ की पूजन सामग्री में मिट्टी या तांबे का करवा, ढक्कन, सींक, फूल माला, करवा चौथ की थाली, छलनी, व्रत कथा पुस्तक, पान, कलश, चंदन, हल्दी, चावल, मिठाई, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, कुमकुम,मौली, अक्षत, आटे की लोई , थोड़े से चावल, बिछिया या पायल, 8 पूरियों को अठावरी.
करवा चौथ में मिट्टी या पीतल का करवा प्रयोग होता है, इसे भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. इसके साथ ही करवा की टोटी को सुंड माना जाता है. जिसमें जल भरकर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसी टोंटी में कांस की सींक को लगाया जाता है, जो शक्ति का प्रतीक है.