करौली: शिवरात्रि पशु मेले का हुआ आगाज, ध्वजारोहण के साथ कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने किया शुभारंभ
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करौली: शिवरात्रि पशु मेले का हुआ आगाज, ध्वजारोहण के साथ कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने किया शुभारंभ

करौली का शिवरात्रि पशु मेला राज्य के 10 सबसे बड़े पशु मेला में शुमार है. करौली में लगने वाले शिवरात्रि पशु मेले में राजस्थान ही नहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तक से पशु पालक, किसान और व्यापारी आते हैं.

करौली: शिवरात्रि पशु मेले का हुआ आगाज, ध्वजारोहण के साथ कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने किया शुभारंभ

Karauli News: जिला मुख्यालय स्थिति मेला मैदान में रियासतकालीन शिवरात्रि पशु मेले का ध्वजारोहण के साथ शुभारंभ हो गया. करौली जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, अतिरिक्त निदेशक पशुपालन विभाग नागेश चौधरी, संयुक्त निदेशक गंगा सहाय मीणा ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर ध्वजारोहण किया और 8 दिन चलने वाले पशु मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के लिक्विड नाइट्रोजन साइलो पिट का फीता काटकर शुभारंभ किया.

करौली का शिवरात्रि पशु मेला राज्य के 10 सबसे बड़े पशु मेला में शुमार है. करौली में लगने वाले शिवरात्रि पशु मेले में राजस्थान ही नहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तक से पशु पालक, किसान और व्यापारी आते हैं. हालांकि यह पशु मेला अब अपनी पहचान खोने लगा है. जहां पहले पशु मेले में हजारों बैल, गाय, ऊंट, भेड़, बकरी, भैंस, घोड़ी जैसे पशु आते थे लेकिन अब ऊंट और घोड़े ही बिक्री के लिए आने लगे हैं. हजारों से संख्या अब मात्र सैंकड़ों तक सिमट गई है. पशु मेले में पशुओं के लिए पीने के लिए पानी और चिकित्सा की व्यवस्था की गई.

कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने मेले में बैल और अन्य पशुओं की संख्या घटने पर चिंता जताई तथा अधिकारियों को एक बार फिर मेले को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करने की अपील की. शिवरात्रि पशु मेले का 13 फरवरी को समापन होगा. पंडित रामजी लाल शास्त्री ने विधि विधान से पूजा और उद्घाटन कराया. इस दौरान जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के लिक्विड नाइट्रोजन साइलो पिट का फीता काटकर उद्घाटन किया. साइलो पिट का शुभारंभ होने से करौली से धौलपुर सहित विभिन्न जिलों को लिक्विड नाइट्रोजन भेजी जा सकेगी.

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विगत 4 वर्षों में पशु मेले का विवरण 2018 में 4585, 2019 में 1288, 2020 में 915, 2021 में मेले का आयोजन नहीं हुआ, 2022 में 456 और 2023 में अब तक 102 पशुओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. पिछली बार मेले में ऊंट, बैल, घोड़े, भैंस, बकरी आदि बिक्री के लिए आए थे लेकिन इस बार अभी तक केवल ऊंट का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है.

शिवरात्रि पर आयोजित होने वाला पशु मेला रियासत काल से आयोजित हो रहा है. पशु मेले का 1964 से आयोजन पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा है. इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत मेला मैदान की जल्द ही फेंसिंग कराने का कार्य शुरू किया जाएगा.

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