3 पुलिसकर्मियों पर SC प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी का आरोप, ASI ने कहा भाई को मार बना रहे दवाब
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3 पुलिसकर्मियों पर SC प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी का आरोप, ASI ने कहा भाई को मार बना रहे दवाब

कोटा के बोरखेड़ा के रहने वाले युवक भंवर लाल नागर ने कोटा शहर और झालावाड़ में कार्यरत तीन पुलिसकर्मियों पर फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है.

 3 पुलिसकर्मियों पर SC प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी का आरोप, ASI ने कहा भाई को मार बना रहे दवाब

Kota: कोटा के बोरखेड़ा के रहने वाले युवक भंवर लाल नागर ने कोटा शहर और झालावाड़ में कार्यरत तीन पुलिसकर्मियों पर फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है.

जिन पर आरोप लगाया, उन पुलिसकर्मियों ने इसका खंडन करते हुए इसे हत्या के एक मामले में सिर्फ उन्हें दबाव में लेने का एक पैतरा करार दिया है. भंवरलाल नागर ने तीन पुलिसकर्मियों मथुरालाल, जुगराज, प्रवीण पर आरोप लगाया कि तीनों ने तहसीलदार लाडपुरा द्वारा जारी एससी एसटी के जाति प्रमाण पत्र पर अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ लेकर पुलिस विभाग में नौकरी प्राप्त की हुई है जबकि वास्तविकता में इनकी जाति मोग्या है, जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रम संख्या 39 पर दर्ज है.

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भंवर लाल नागर मामले में चल रही जांच में कार्रवाई की मांग की है. वहीं एएसआई मथुरालाल झालावाड़ में तैनात है. मथुरालाल ने बताया कि उनके भाई की हत्या कर दी गई. इस मामले में अभी दो आरोपी जेल में है. भंवर लाल आरोपियों का रिश्तेदार है और दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रखा. मथुरा लाल ने बताया कि भंवरलाल उसे और उसके परिवार को बार-बार प्रताड़ित कर रहा है. मामले में समझौता करने की दबाव बनाता है.

मथुरा लाल ने कहा कि उनके भाई की हत्या की गई थी. वह इंसाफ से लिए लड़ रहे हैं. कैथून के ग्लाना में फरवरी 2019 में कोटा ग्रामीण के पुलिस कांस्टेबल अभिमन्यु की हत्या कर दी गई थी. यह हत्याकांड काफी चर्चित हुआ था. हत्या का आरोप गांव के ही मेघराज नागर व उसके परिजनों पर था. मामले में हत्या का मुकदमा कैथून थाने में दर्ज हुआ.

पुलिस जांच में सामने आया कि मथुरालाल की जाति बागड़ी है, क्योंकि उसने तहसीलदार लाडपुरा द्वारा जारी बागड़ी जाति का प्रमाण पत्र पेश किया था. इसके आधार पर पुलिस ने मामले में एससी एसटी एक्ट की धाराएं लगाई और चालान पेश किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. जब यह बात मेघराज के परिजनों को पता लगी तो उन्होंने दस्तावेजों का मामला उठाते हुए नयापुरा थाने में 3 पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दी जो कि अभिमन्यु के भाई और भतीजे हैं.

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