कोटा के कुछ स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि छोटे बच्चे टिन शेड के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं और चिलचिलाती दोपहरी में उन्हें टिन शेड के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती है.
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Kota: राजस्थान के कोटा के कुछ स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि छोटे बच्चे टिन शेड के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं और तपती दोपहरी के बीच उन्हें टीन शेड के नीचे पढ़ना पड़ता है. कई कक्षाएं बरामदे में लग रही है तो कई टीन शेडों के नीचे. स्कूली बच्चे तेज भीषण गर्मी के बीच क्लास में बैठने को मजबूर हैं और इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकारों का विकास स्कूली शिक्षा में कहां तक पहुंच गया है.
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एक ओर शहर में हजारों करोड़ के विकास कार्य चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर स्कूल में भवनों की ऐसी दुर्दशा जिम्मेदारों को आखिर क्यों नहीं दिखाई देती है और तेज गर्मी के बीच टीन शेड में पढ़ रहे इन बच्चों की तकलीफ आखिर क्यों किसी तक नहीं पहुंच पाती हैं.
आपको बता दें यह स्कूल है कोटा का राजकीय माध्यमिक विद्यालय किशोरपुरा की जहां पर प्राइमरी स्कूल के बच्चे टीन शेड के नीचे कक्षाएं ले रहे हैं. वहीं स्कूल में दूसरी तरफ बरामदों में क्लास चल रही है. वहीं कोटा ग्रामीण के कैथून इलाके में चल रहे इन स्कूलों की हालत भी खराब है.
यहां किस तरफ से भवन की दीवारें और छतें जर्जर हो चुकी है. शौचालय गंदगी से भरे हुए हैं जो छात्राओं के लिए किसी प्रताड़ना से कम नहीं है. यहां तक कि स्कूल के पास जमीन का पट्टा भी नहीं है. ऐसे में किसी तरह की राशि विकास कार्य के लिए नहीं मिल पाती है और नतीजा ये है कि स्कूली भवन जर्जर हो चुके हैं.
यहां के शिक्षक और छात्र मजबूरी में यहां अपना शिक्षण कार्य कर रहे हैं और अब आने वाले वक्त में देखना ये होगा कि एक तरफ कोचिंग सिटी कहा जाने वाला कोटा शहर लगातार विकास की नई इबारत गढ़ रहा है तो दूसरी तरफ जर्जर होते शिक्षा के मंदिरों की सुध कौन लेता है और कब.
Reporter: KK Sharma