चंबल नदी जिसे कोटा में देवी का दर्जा दिया जाता है और कोटा की लाइफ लाइन (Life Line) भी कहा जाता है लेकिन चंबल नदी का पॉल्यूशन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है.
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Kota: कोटा की लाइफ लाइन चंबल नदी ना केवल कोटा (Kota News) बल्कि प्रदेश के कई जिलों को जोड़ने के साथ-साथ उनकी प्यास भी बुझाती है. लेकिन जिस तादाद में नाले चंबल (Chambal) नदी में गिरते हैं उसके साथ दिन-प्रतिदिन चंबल नदी मैली होने के साथ अपने मूल स्वरुप को खो रही है और पॉल्यूशन (Pollution) का लेवल भी बढ़ रहा है.
इसे रोकने और कम करने के लिए कोटा नगर निगम दक्षिण ने खास प्रयास किए जिसके जरिए चंबल नदी में नालों के जरिए जाने वाले हार्ड वेस्ट (Hard Waste) को रोका जा सके.
बढ़ रहा पॉल्यूशन लेवल
चंबल नदी जिसे कोटा में देवी का दर्जा दिया जाता है और कोटा की लाइफ लाइन (Life Line) भी कहा जाता है. साथ ही कोटा को 24 घंटे पानी की सप्लाई मिलती है जिसके होने से पानी की कमी कभी भी नहीं आती लेकिन चंबल नदी का पॉल्यूशन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है. वजह चंबल में छोड़ जाने वाले नाले हैं.
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चंबल में आकर गिरते हैं अनगिनत नाले
कोटा शहर की बात करें तो अनगिनत नाले चंबल नदी में आकर गिरते हैं जो चंबल को ना केवल दूषित कर रहे हैं बल्कि चंबल के स्वरूप को भी धीरे-धीरे बिगाड़ने में लगे हैं. कोटा की दक्षिण नगर निगम ने चंबल नदी के बिगड़ते स्वरूप और दूषित होती चंबल नदी की सुध लेते हुए एक कोशिश की है. चंबल नदी के अपस्ट्रीम में 8 बड़े-बड़े नालों को चिन्हित किया है और इसके साथ एक खास तकनीक का प्रयोग कर चंबल के पॉल्यूशन को कम करने की रूपरेखा बनाई है.
नगर निगम ने तैयार करवाए खास तरह के एनिकट
चंबल की अपस्ट्रीम में शिवपुरा, हजीरा बस्ती, किशोरपुरा, समेत कई इलाकों का गंदा पानी नालों के जरिए चंबल नदी में आकर के मिलता है. नगर निगम ने इन नालों के साथ खास तरह के एनिकट तैयार करवाए हैं और उनके अंदर बड़ी-बड़ी लोहे की जालियां लगवाई है जिसके जरिए चंबल नदी में जाने वाला हार्ड वेस्ट चाहे वो पॉलिथीन हो कपड़े या और भी कोई अन्य तरह का वेस्ट जो चंबल नदी में पानी के साथ पहुंच करके उसे दूषित करने का काम करता है उसको बहुत हद तक रोकने में बड़ी मदद मिलेगी और 8 जगहों पर नगर निगम में सेंट्रल गवर्नमेंट के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (National Clean Air Programme) के तहत नालों के पास में एनीकट बनवाकर ट्रैप्स लगवा दिए हैं जिसमें पूरा वेस्ट रुक जाता है और नगर निगम के सफाई कर्मी मैनुअली उस पूरे वेस्ट को निकाल कर डंपिंग यार्ड में डंप कर देते हैं जिससे चंबल में पहुंचने वाली पूरी गंदगी अब रुक गई है.
निगम ने वेस्ट को रोकने के लिए की कोशिश
निगम की इस कोशिश के साथ चंबल में बड़े पैमाने पर जाने वाला वेस्ट रुक गया है लेकिन दूषित पानी के नाले बड़े पैमाने पर अभी भी चंबल नदी में लगातार जा रहे हैं और चंबल नदी को दूषित बना रहे हैं इस और भी निगम को सोचना होगा कि इन्हें कैसे रोका जाए, कैसे चंबल को दूषित होने से बचाया जाए और साथ में सोचना होगा हमें भी की जो हमारे लिए जीवनदायिनी है, वरदायिनी है हमारी प्यास को बुझाती है उसे हम दूषित ना करें और दूषित होने से बचाने के लिए हम हर स्तर पर प्रयास भी करें .