एक झोपड़ी पर Income Tax की Raid, सिर्फ फोटोग्राफ लेकर वापस लौटें अधिकारी
Advertisement

एक झोपड़ी पर Income Tax की Raid, सिर्फ फोटोग्राफ लेकर वापस लौटें अधिकारी

राजस्थान के बारां के शाहाबाद कस्बे में आयकर अधिकारियों की टीम ने एक युवक के घर पर पहुंचकर पूछताछ की तो युवक व उसके परिजन हैरत में पड़ गए.

शाहाबाद कस्बे में आयकर अधिकारियों  की टीम ने एक युवक के घर पर पहुंचकर पूछताछ की

Baran: राजस्थान के बारां के शाहाबाद कस्बे में आयकर अधिकारियों (income tax officers) की टीम ने एक युवक के घर पर पहुंचकर पूछताछ की तो युवक व उसके परिजन हैरत में पड़ गए. इधर, झोपड़ी में रहने वाले युवक व उसके परिवार को देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए और अपने अधिकारियों के साथ मौके से ही सारी जानकारी लेकर लौट गए. इन अधिकारियों ने मीडिया को भी कुछ भी बताने से मना कर दिया.

हालांकि इस युवक का कहना है कि उसके तीन मजदूरों के दस्तावेजों के आधार पर जयपुर के एक ठेकेदार ने मुंबई की दो बैंकों में खाते खुलवाए थे और मोटे वेतन का लालच देकर उसके दस्तावेजों का उपयोग बेनामी संपत्ति और वित्तीय गड़बड़ी के लिए किया. संभवतया इसी मामले में यह टीम यहां पहुंची, लेकिन पीड़ित युवक सेअसलियत का पता चलने के बाद यहां से लौट गई.

यह भी पढ़ें- विधायक प्रशांत बैरवा ने की CM Gehlot से मुलाकात, प्रदर्शनी के लिए किया आमंत्रित

बताया जा रहा है कि वित्तीय लेन-देन से जुड़े मामलों को लेकर पहुंची टीम में मुंबई और कोटा के अधिकारी शामिल थे. उन्होंने शाहाबाद पुलिस थाने पहुंचकर शाहाबाद निवासी मनोज धानुक का पता पूछा था. इस पर पुलिसकर्मी युवक का घर दिखाकर रवाना हो गए. टीम को देखकर मनोज के घर वाले और पड़ोसी भी हैरत में पड़ गए. वित्तीय लेन-देन से जुड़ा मामला बताते हुए टीम में शामिल अधिकारियों ने मनोज का घर और झोपड़ी देखी, तो खुद सकते में आ गए. उन्होंने जानकारी लेकर फोटोग्राफी कर उनके विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया.

वीरू धानुक और दशरथ धानुक ने बताया कि इन अधिकारियों ने मुंबई में एक कंपनी को लेकर पूछताछ की. मनोज का कहना है कि वह हिंदी में हस्ताक्षर करता है, लेकिन ठेकेदार अंकित ने उसे अंग्रेजी में हस्ताक्षर करना सिखाया. कई चेक बुक जारी करवाई, जितनी भी चेक बुक में जारी हुई उन सभी चेकों पर हस्ताक्षर करवाए गए. एटीएम कार्ड भी बनवाया गया, जो अभी भी ठेकेदार अंकित के पास है. उसका पासवर्ड भी ठेकेदार अंकित को ही मालूम है.

शुरू में 50 हजार रुपए आए, जो ठेकेदार ने रख लिए मनोज ने बताया कि मुंबई जाने के 17 दिन बाद मनोज के खाते में 50 हजार रुपए आए, उनको निकलवाने के लिए ठेकेदार बैंक लेकर गया और खाते से 50 हजार रुपए निकलवाकर स्वंय रख लिए और बोला की उसकी मम्मी ने भेजे हैं. मजदूरी करने जयपुर गया, वहां से मुंबई ले गया. मनोज ने बताया कि कैसे वह जयपुर चैकी पर रोजगार की तलाश में मजदूरों के साथ खड़ा था. वहां एक ठेकेदार अंकित आया और एक कॉलेज के पास स्थित होटल की सफाई का काम करवाने ले गया.

यह भी पढ़ें-CM Gehlot ने की राजस्व कार्मिकों से अपील, कहा- संवेदनशीलता दिखाते हुए काम पर लौटें

सफाई के बाद शाम को ठेकेदार अंकित ने मनोज को भुगतान कर दिया. दो दिन बाद फिर ठेकेदार अंकित आया और बोला कि उसे चार अनपढ़ मजदूर चाहिए, जिनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी होना चाहिए. जूते-चप्पलों की सप्लाई मुंबई में करवानी है. रोज एक हजार रुपए की दिहाड़ी से महीने का 30 हजार दिया करेंगे. मनोज ने बताया कि उसने जान पहचान वाले 4 लड़कों को बोला, तो वो तैयार हो गए और आधार कार्ड व वोटर आईडी लेकर अंकित के साथ उसके होटल पर चले गए.

पैन कार्ड नहीं होने के कारण पहले इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया और फिर पिछले साल सितंबर में मुंबई ले गया. वहां 5 लड़कों में से एक लड़के का पैन कार्ड करेक्शन नहीं हो पाया. इसलिए उसको छोड़ दिया गया, बाकी के 4 लड़कों को मुंबई ले गया. वहां दो बैंकों में खाता खुलवाकर कई जगह दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए. मनोज के साथ गए तीनों लड़कों सुरेंद्र, ललित, नरेंद्र को 15 दिन मुंबई में रखकर वापस भेज दिया और मनोज को वहीं रहने दिया. एक महीने बाद मनोज को 25 हजार रुपए का भुगतान कर दिया और 5000 आज तक शेष है.

Report- Ram Mehta

Trending news