Kota News: कोटा के नांता महल स्कूल में एक तेंदुआ घुसा है, जो अब तक पकड़ा नहीं गया है. इससे स्थानीय लोगों में दहशत के साथ आक्रोश भी व्याप्त है.
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Kota News, कोटाः नांता महल स्कूल में घुसे तेंदुआ की अब अलग-अलग तस्वीरें कैमरे में कैद हुई है. तेंदुआ रात को मूवमेंट कर रहा है और इधर-उधर टहलता नजर आ रहा है. हालांकि आज 4 दिन बाद भी पैंथर का रेस्क्यू नहीं होने से स्थानीय लोगों में दहशत के साथ आक्रोश भी व्याप्त है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों से भूखा-प्यासा तेंदुआ अब कभी भी छलांग लगा सकता है, इसलिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए, तो वही नांता महल में संचालित दोनों स्कूलों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद भी स्टूडेंट्स की उपस्थिति बहुत ही कम है.
70 घंटे से ज्यादा का वक्त होने और 7 कैमरे व तीन पिंजरे लगाने के बाद भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, तेंदुआ पुराने महल के 500 मीटर एरिए में घूमा है. 5 कैमरों में उसकी तस्वीर कैद हुई है.
नांता महल में सर्च के दौरान झाड़ियों के पास एक पिल्ले का शव भी मिला है, जिसका शिकार पैंथर ने किया था. हालांकि वो पिंजरे में कैद नहीं हुआ. विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के प्रयास करेगी, उसे डिस्टर्ब करके बाहर निकालने की कोशिश करेगी. तस्वीर दिखने के बाद एक्सपर्ट मादा तेंदुआ मान रही है.
अभी भी दहशत में लोग
इस इलाके में तेंदुए की पहली तस्वीर गुरुवार रात 11 बजे एक युवक ने अपने मोबाइल में कैद की थी, जिसमें तेंदुआ गढ़ की दीवार पर खड़ा नजर आ रहा था. वीडियो सामने आने के बाद इलाके के लोग अभी भी दहशत में है. फारेस्ट विभाग की टीम ने पुराने महल (गढ़) में अलग-अलग लोकेशन पर सात कैमरे और 3 जगहों पर पिंजरे लगाए थे.
पिंजरे में तेंदुआ के खाने के लिए मुर्गा, मीट और सड़ी मछली रखी थी, ताकि मछली की दुर्गंध से पैंथर बाहर निकले और खाने के चक्कर में पिंजरे में पकड़ में आए. पुराने महल (गढ़) में दो सरकारी स्कूल संचालित होते है, जिनमें 550 के करीब बच्चे हैं. डर के कारण रात के समय इलाके के कुछ लोग छत पर हेलोजन जलाए रखते हैं, ताकि रोशनी देखकर तेंदुआ उनकी तरफ नहीं आए. वहीं, पुराने महल के पीछे वाली गली में स्थानीय लोगों ने रास्ता बंद कर दिया है. यहां लोहे की जाली से बेरिकेट लगा रखा है.