भरत सिंह खान की झोंपड़िया गांव को लेकर नौकरशाही की उदासीनता के खिलाफ ये प्रदर्शन कर रहे हैं. विधायक का आरोप है कि जब 10 अप्रैल 1991 में बारां जिला बनाया गया था तब तय हुआ था कि कोटा बारां मार्ग नेशनल हाइवे 27 पर कालीसिंध नदी इन दोनों जिलों की सीमा होगी.
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Kota: अक्सर अपनी ही सरकार पर कई पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के विधायक भरत सिंह (MLA Bharat Singh) एक बार फिर सरकार को घेरने के मूड में है. कल से प्रदेश सरकार का बजट सत्र शुरू हो रहा है और सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सड़क प्रदर्शन करेंगे और इस बार भरत सिंह का मुद्दा बारां जिले का खान की झोपड़िया गांव है.
भरत सिंह खान की झोंपड़िया गांव को लेकर नौकरशाही की उदासीनता के खिलाफ ये प्रदर्शन कर रहे हैं. विधायक का आरोप है कि जब 10 अप्रैल 1991 में बारां जिला बनाया गया था तब तय हुआ था कि कोटा बारां मार्ग नेशनल हाइवे 27 पर कालीसिंध नदी इन दोनों जिलों की सीमा होगी. एक राजस्व गांव खान की झोपड़िया 30 वर्ष पहले की गई एक भूल के कारण आज भी बारां जिले का ही गांव होकर रह गया है. इन 30 वर्षों में कोटा में 26 कलेक्टर और बारां में 24 कलेक्टर साथ ही कोटा संभाग में 21 संभागीय आयुक्त बदल चुके हैं लेकिन 30 साल पहले जो गलती हुई थी उस गलती को सुधारने की कोशिश आज तक किसी ने नहीं की.
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उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही मुख्यमंत्री रह चुके हैं. सरकारे बदलती चली आई हैं लेकिन किसी ने भी इस गलती को सुधारने की जहमत नहीं उठाई. इसी व्यवस्था के खिलाफ भरत सिंह कल कलेक्ट्रेट से हल्ला बोलेंगे.
मीडिया से बात करते हुए भरत सिंह ने कहा कि कल से विधान सभा सत्र शुरू है. सब विधायक विधानसभा में अपनी बात रखेंगे लेकिन मैं सड़क पर जनता के बीच अपनी बात रखूंगा क्योंकि कई बार विधानसभा में बात अनसुनी रह जाती है लेकिन जनता के बीच रखी गई बात अनसुनी नहीं रहती है. विधायक भरत सिंह ने बिना किसी का नाम लिए 3 विधायकों पर भी गंभीर आरोप लगाए.
Reporter- Himanshu Mittal