Pipalda, Kota News: राजस्थान के कोटा के पीपल्दा में मौसमी बीमारियों का चलते मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, बढ़ रही मरीजों की संख्या के कारण अस्पतालों में भी जगह नहीं बची है.
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Pipalda, Kota News: राजस्थान के कोटा के पीपल्दा के सुल्तानपुर समेत क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रभाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर में बुखार, खांसी-जुकाम, वायरल, टायफाइड, डेंगू, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज देखे जा रहे हैं. उपखंड मुख्यालय दीगोद के सबसे बड़े सुल्तानपुर अस्पताल की ओपीडी पर मरीजों की लंबी कतार देखी जा रही है. बदलते मौसम में फिलहाल राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे. ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज राजकीय स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा निजी चिकित्सालयों में भी उपचार करा रहे हैं, यहां राजकीय अस्पताल में वर्तमान में प्रतिदिन ओपीडी 600 से अधिक मरीजों का आ रहा है.
चिकित्सकों के पास लग रही लंबी कतारें
मौसमी बीमारियों से हालात इतने बदत्तर बने हुए है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के वार्ड में एक पलंग पर दो से तीन मरीजों का उपचार किया जा रहा है. बदलते मौसम और मच्छरों की भरमार से बीमारियां लोगों को चपेट में ले रही है. मौसम का मिजाज कुछ इस तरह बदल रहा है कि दिन में कड़क धूप का प्रभाव रहता है, तो शाम ढ़लने के बाद रात को सर्दी अपना असर दिखाने लगती है. गुलाबी ठंड होने और मच्छरों से बचने के लिए कमरों में रात के समय लोग कम गति से पंखा चलाकर सोते हैं. ऐसे में खासी, जुकाम, बुखार आदि मौसमी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. क्षेत्र में मच्छरों की भरमार मौसमी बीमारियों में इजाफा कर रही है.
हर वार्ड मोहल्ले में फोगिंग करवाने की मांग
नगरवासी ब्रह्मानंद शर्मा, सुरेश नागर, रामस्वरूप नामा आदि ने पालिका प्रसाशन से मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रत्येक वार्ड मोहल्ले में फोगिंग करवाने की मांग की है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से भी डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए जल्द ही बड़े कदम उठाने और लोगों को समुचित इलाज मुहैया करवाने की मांग की है.
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सावधानी बरतने की जरूरत
बदलते मौसम में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. खांसी-जुकाम, बुखार, टायफाइड, अस्थमा, निमोनिया सहित अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज आ रहे हैं. लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. ठंडी और फ्रिज में रखी खाद्य सामग्री, खटाई, फास्ट फूड से परहेज करें. रात के समय कूलर, एसी और पंखे का उपयोग नहीं करें. कपड़े से शरीर को ढक कर रखे. गले में खरास या बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए.
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