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सांगोद: क्षेत्र में गत दिनों बीते तीन दिनों तक लगातार बारिश के बाद बीते चार दिनों से मौसम साफ होने से एकाएक खेतों में किसानों की हलचल तेज हो गई है. बुवाई लायक पर्याप्त बारिश होने के बाद किसान खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी में जुट गए है. बारिश का दौर थमने के बाद किसान खेतों की हंकाई जुताई कर मिट्टी को उथल पुथल कर रहे हैं. मानसून पूर्व की अच्छी बारिश के चलते किसानों को इस साल समय पर बुवाई की उम्मीद है. क्षेत्र में खरीफ में किसानों का ज्यादा रूझान सोयाबीन पर रहता है.
इस बार भी किसान सोयाबीन बुवाई की तैयारी में है. लेकिन पर्याप्त बीज नहीं मिलने से किसानों की परेशानी बढ़ रही है. मांग के मुकाबले बीज की कमी के चलते किसान मुहंमांगे दामों पर सोयाबीन का बीज खरीद रहे है. अनुदान पर भी किसानों को सोयाबीन का प्रमाणित बीज नहीं मिल रहा. जिसके चलते किसान ज्यादा जैब ढीली कर सोयाबीन की बुवाई की तैयारी में है. कृषि विभाग की ओर से बीज के मिनीकिट वितरित किए जा रहे है लेकिन वो लघु सीमांत किसानों तक सीमित है. जिन किसानों को बीज की ज्यादा जरूरत है उन्हें बाजारों से या फिर किसानों से ही बीजों का बंदोबस्त करना पड़ रहा है. इन दिनों क्षेत्र में सोयाबीन का बीज 9 से 11 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है. बावजूद इसके किसान बीज खरीदकर बुवाई की तैयारी में जुटे हुए है.
दिन-रात चल रहे ट्रैक्टर
तीन दिन की लगातार बारिश के बाद बीते दो दिनों से क्षेत्र में मौसम साफ है. दिन में धूप खिल रही है तो खेतों की मिट्टी भी सूखने लगी है. तीन-चार दिन बाद मानसूनी बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद है. ऐसे में किसान जल्द से जल्द बुवाई करना उचित मान रहे है. ऐसे में बीते दो दिनों से खेतों में दिनभर ट्रैक्टरों की गडगड़़ाहट सुनाई दे रही है. जिन खेतों में बा आ गई वहां किसानों ने बुवाई भी शुरू कर दी है. दिन-रात खेतों में ट्रैक्टर चल रहे है.