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kota: शिवरात्रि के मौके पर आपको लिये चलते हैं कोटा में स्थित शिव के अनोखे धाम थेकड़ा में, जहां 14 फीट ऊंचे, भीमकाय सहस्र शिवलिंग के साथ 525 अद्भुत शिवलिंगों की स्थापना है. भगवान भोलेनाथ के इन अलौकिक दर्शनों के लिए यहां हजारों भक्त उमड़ते हैं. प्रसिद्ध तीर्थ शिवपुरीधाम पर महाशिवरात्रि महोत्सव का भव्य शुभारंभ हो चुका है. संत सनातनपुरी जी महाराज के सानिध्य में 20 श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है.
14 फीट ऊंचा और 14 टन वजनी ये सहस्र शिवलिंग तकरीबन एक दशक पहले कोटा के प्रसिद्व शिवधाम, थेकड़ा में स्थापित हुआ है. नागदेवता की छत्र छाया में इस सहस्र शिवलिंग पर 1001 शिवलिंग सम्मिलित हैं. सावन के महीने में इस शिवलिंग के अभिषेक और पूजा के लिए श्रद्वालुओं में होड़ रहती है, लेकिन शिवरात्रि जैसे विशिष्ठ अवसरों से लेकर आम सोमवार को भी धाम में बम-बम भेले के जयकारों के साथ भक्तों की भीड़ जमा रहती है.
इस शिवधाम को सहस्र शिवलिंग के साथ ही साथ यहां स्थापित 525 शिवलिंग और भी अनोखा बनाते हैं. 3 दशक से अखंड चेतन ब्रह्म, विष्णु और महेश के तीन धूणों को राणा रामपुरी महाराज ने 1985 के साल में यहां स्थापित किया था. बाद में नेपाल की अपनी यात्रा के दौरान वहां सहस्रों शिवलिंग एकसाथ देखकर राणा रामपुरीजी ने पशुपतिनाथ महादेव मंदिर नेपाल से प्रेरणा लेकर कोटा में ऐसा ही धाम विकसित करने की योजना बनायी थी. फिलहाल यहां धूणा और पूजा संभाल रहे नागाबाबा सनातनपुरी महाराज का दावा है कि इन 525 शिवलिंग की यात्रा-दर्शन और अभिषेक का पुण्य 12 ज्योतिर्लिंग के समान होता हैं. यही वजह है कि इस धाम की ख्याति कोटा से निकलकर हाड़ौती और देश-प्रदेश तक में फैल चुकी है. कोटा के इस अनोखे शिवधाम के दर्शनों के लिये उत्तर भारत के कई राज्यों से श्रद्वालु अब यहां आने लग गये हैं.