कोरोना काल के खलनायक ब्रदर्स का महापाप, कर रहे थे रेमडेसिवीर की कालाबाजारी
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कोरोना काल के खलनायक ब्रदर्स का महापाप, कर रहे थे रेमडेसिवीर की कालाबाजारी

कोटा पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir injection) की कालाबाजारी करते दो सगे भाई को गिरफ्तार किया है. 

खुद मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सरदाना ने छद्म नाम से की ब्लैक में खरीद की डील.

Kota : राजस्थान की कोटा पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir injection) की कालाबाजारी करते दो सगे भाई को गिरफ्तार किया है. एक भाई मनोज रैगर निजी कोविड अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ है, तो वहीं दूसरा भाई राकेश एक लैब में तैनात था. कोटा पुलिस ने डिकॉय ऑपरेशन में दोनों आरोपी भाई को 10-10 हजार में रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचते मेडिकल कॉलेज (Medical college) से दबोचा. 

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इस खुलासे में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने भी अहम भूमिका निभाई. प्रिंसिपल डॉ. सरदाना को इंजेक्शन ब्लैक करने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद तीमारदार बनकर डॉ. विजय सरदाना ने दलालों को फोन किया. 10 हजार प्रति इंजेक्शन में सौदा तय होने के बाद कोटा पुलिस सक्रिय हो गई.

भेष बदल कर इंस्पेक्टर नीरज गुप्ता इंजेक्शन खरीदने पहुंचे थे. जैसे रेमडेसीविर इंजेक्शन लेकर दोनों भाई पहुंचे. पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. न्यू मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बाहर से दवाइयां मंगवाई जा रही थी. लापरवाही करने वाले 3 नर्सिंग कर्मी को APO कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए 4 सदस्यी कमेटी भी गठित की गई है. 

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