आशीष चौहान,जयपुर: राजस्थान में सरकारी खजाने से किसानों की कर्ज माफी को लेकर कवायद तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू करेगी. इसके साथ-साथ सरकार ऐसे किसानों की भी कर्ज माफ करने की सोच रही है. जिन किसानों ने उपज नहीं मिलने के कारण आत्महत्या की, उनके परिवारों का सरकार पूरा कर्ज माफ कर सकती है. इसके अलावा एक बार फिर से डिफॉल्टर्स के साथ साथ ईमानदार किसानों का भी कर्ज माफ करने पर सरकार विचार कर रही है.
कर्ज माफी के निर्णय के लिए हुई पहली मीटिंग में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई. जिसमें अभी तक कोई फाइनल फैसला नहीं किया गया. लेकिन सरकार 1- 2 मीटिंग में जल्द ही कर्ज माफी के मापदंड तय करेगी. कर्ज माफी की अगली मीटिंग 10 जनवरी को होगी. इस बाबत हुई पहली बैठक शांति धारीवाल की अध्यक्षता में हुई. जिसमें सरकार में सात मंत्री और सीएसडीबी गुप्ता समेत आला अधिकारी मौजूद रहे.
राजस्थान सरकार जल्द ही किसानों की कर्ज माफी को लेकर मापदंड तय करेगी. लेकिन उससे पहले कर्ज माफी की मीटिंग के बाद सरकार में वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल के बयान के बाद में किसानों को जरूर राहत मिली है.
मीटिंग के बाद धारीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही मापदंड तय किए जाएंगे. इसके अलावा डिफॉल्टर्स के अलावा इमानदार किसानों के लिए सरकार कर्ज माफी पर सोच रही है. हालांकि इस मीटिंग में अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हो पाया है, लेकिन यह तय है कि जल्द ही मापदंड तय किए जाएंगे."
आपको बता दें कि, राज्य सरकार 9 राज्यों का कर्ज माफी के पैटर्न का भी अध्ययन कर रही है. सहकारिता विभाग के अधिकारी पंजाब कर्नाटक झारखंड तमिलनाडु समेत कई राज्यों का दौरा कर रहे है. इसके साथ-साथ कई राज्यों का दौरा अभी करना बाकी है. ऐसे में दौरे पूरे होने के बाद ही मापदंड तय हो पाएंगे. शांति धारीवाल का कहना है कि "सरकार 9 राज्यों के पैटर्न का अध्ययन करके ही मापदंड तय करेगी जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है."
दूसरी और धारीवाल ने बीजेपी के हमले का जवाब देते हुए कहा कि क्या बीजेपी सरकार के कर्ज अभी तक माफ हो चुके हैं. बीजेपी कांग्रेस सरकार के लिए कर्ज़ छोड़कर चली गई, लेकिन सरकार अब इस कर्ज को भी चुकाएगी.