Lok Sabha Chunav 2024:3.76 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों मिली वोटिंग की सुविधा,डाक मतपत्रों-ईडीसी द्वारा हो रहे है मतदान
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Lok Sabha Chunav 2024:3.76 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों मिली वोटिंग की सुविधा,डाक मतपत्रों-ईडीसी द्वारा हो रहे है मतदान

Lok Sabha Chunav 2024:प्रदेश में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग के साथ चुनाव कार्य में नियुक्त अधिकारियों-कार्मिकों की वोटिंग भी शुरू हो गई हैं.

Rajasthan Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Chunav 2024:प्रदेश में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग के साथ चुनाव कार्य में नियुक्त अधिकारियों-कार्मिकों की वोटिंग भी शुरू हो गई हैं.अलग अलग जगहों पर बनाए गए सुविधा केन्द्र (फैसिलिटेशन सेंटर) पर पुलिसकर्मियों, होमगार्ड, आएएसी, जीआरपी कार्मिक पोस्टल बैलेट के जरिए अपनी-अपनी लोकसभा सीट के लिए पोस्टल बैलेट के जरिए मत का प्रयोग कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव पूरे परवान पर है.प्रत्याशियों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.वहीं पोस्टल मतदान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.पहले चरण में जयपुर सहित प्रदेश की 12 संसदीय सीटों पर 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए पुलिसकर्मियों, होमगार्ड, आएएसी, जीआरपी के अधिकारी और कार्मिक कतारों में लगकर मतदान कर रहे हैं.

चुनाव कार्य में नियुक्त 3.76 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट और ईडीसी के जरिए मतदान की सुविधा दी गई हैं.मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की चुनाव कार्य में नियुक्त 3 लाख 76 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्रों और ईडीसी (इलेक्शन डयूटी सर्टिफिकेट) द्वारा मतदान की सुविधा दी गई हैं.

अब तक फेसिलिटेशन सेंटर्स पर 32,101 मत डाले गए.इनमें से अब तक 18 हजार 406 पुलिसकर्मी, 7 हजार 890 आरएसी, 387 जीआरपी, 5 हजार 414 मतदानकर्मियों और 4 प्राइवेट ( ड्राइवर्स ) द्वारा मताधिकार का उपयोग किया गया.प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों और अन्य जिलों में चुनाव कार्य में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्र से मतदान करने के लिए फेसिलिटेशन सेंटर स्थापित किये गए हैं.

इन केंद्रों पर 18 अप्रैल तक पहले फेज और 25 अप्रैल तक दूसरे चरण की लोकसभा क्षेत्रों के लिए मतदान किया जा सकेगा.जयपुर की बात करें तो पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा डाक मतपत्र से मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुविधा केन्द्रों में 36 मतदान बूथ स्थापित किये गए हैं.

नेहरू नगर पानीपेच स्थित पुलिस अकादमी में दो, चांदपोल स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में 11, लालकोठी स्थित पुलिस मुख्यालय में 4, एमआई रोड स्थित होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में 3, यातायात पुलिस यादगार में 2, घाटगेट स्थित पुलिस दूरसंचार में 2, जलमहल स्थित रिजर्व पुलिस लाइन ग्रामीण में 2, शासन सचिवालय में एक, बनीपार्क स्थित राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में 4, घाटगेट स्थित 5वीं आरएसी बटालियन में 3 और चैनपुरा स्थित 14वीं आरएसी बटालियन में 2 मतदान बूथ स्थापित किये गए हैं.

निर्वाचन आयोग की ओर से सर्विस वोटर और चुनाव में ड्यूटी करने वाले नागरिकों को मतदान की सुविधा देने के लिए बैलेट पेपर जारी किए जाते हैं.इसके बाद भी सभी की भागीदारी नहीं हो पा रही है.पिछले 2019 के चुनाव पर नजर डालें, तो प्रदेश में विभिन्न जगहों पर काम कर रहे कार्मिकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया.

इसके लिए निर्वाचन आयोग की ओर से पोस्टल बैलेट की सूची पहले ही तैयार की गई थी.इसके तहत प्रदेश के 25 लोकसभा क्षेत्रों के लिए 3 लाख 11 हजार 366 कार्मिकों के लिए पोस्टल बैलेट जारी किए गए.

इसमें सर्विस वोटर 1 लाख 36 हजार 595, पुलिसकर्मियों के लिए 1 लाख 65 हजार 624 और अन्य के लिए 9 हजार 147 पोस्टल बैलेट जारी किए गए लेकिन इनमें से 2 लाख 20 हजार 950 पोस्टल पेपर से मतदान किया गया.यानि की 70 फीसदी ही पोस्टल बैलेट वापस आए.इनमें सर्विस वोटर 92 हजार 593 हासिल हुए.वहीं 1 लाख 28 हजार 357 पुलिसकर्मियों व अन्य के प्राप्त हुए.पोस्टल से सर्वाधिक मतदान झुंझुनूं का हुआ.23 हजार से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया.

सीकर में 19 हजार 312 और जयपुर ग्रामीण का 16 हजार 371 मतदान हुआ.जबकि सबसे कम मतदान झालावाड़-बारां में 741 हुआ है.दरअसल चुनाव आयोग ने इन कर्मचारियों की वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव किया है.चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी अपने साथ बैलेट पेपर नहीं ले जा सकते हैं.इससे पहले जब चुनाव हुए तब चुनावी ड्यूटी में तैनात कर्मचारी को बैलेट पेपर घर ले जाने की सुविधा थी.

उन कर्मचारियों के पास वोटों की गिनती शुरू होने से पहले डाकमत पत्र जमा करवाने का समय होता था.लेकिन अब चुनाव ड्यूटी पर जाने से पहले सुविधा केन्द्र (फैसिलिटेशन सेंटर) पर मतदान करना होता है.ऐसे में कर्मचारी मतदान के बाद एग्जिट पोल या प्रत्याशी के जीत-हार की हवा को देखते हुए मतदान नहीं कर सकेंगे.

बहरहाल, विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी इस बार चुनाव ड्यूटी पर लगे सरकारी कर्मचारी या आवश्यक सेवाओं वाले कर्मचारी किसी प्रत्याशी या पार्टी के जीतने का रुख देखकर मतदान नहीं कर सकेंगे.

उनको सुविधा केन्द्रों और प्रशिक्षण स्थलों पर ही मतदान से पहले मत देने पड़ रहे हैं.जिन सरकारी कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है.जिनका मतदान शुरू हो गया है.पोस्टल बैलेट की नई व्यवस्था चुनाव को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग की ओर से की गई है.

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