नागौर जिले के मेड़ता शहर में उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर 8 सूत्री मांगों को लेकर किसानों का अनिश्चितकाली धरना आज 6 वें दिन भी जारी रहा.
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Merta: एमएसपी सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर किसान वर्ग 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. धरना स्थल पर पहुंचे किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसान वर्ग को संगठित और संयमित रहकर आंदोलन की इस धधक को जलाए रखने की अपील की.
नागौर जिले के मेड़ता शहर में उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर 8 सूत्री मांगों को लेकर किसानों का अनिश्चितकाली धरना आज 6 वें दिन भी जारी रहा. किसानों द्वारा मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने और समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद शुरू करने सहित अपनी 8 सूत्री मांगें शीघ्र ही पूरी करने की मांग को सरकार तक पहुंचाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं. धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता सुशील रियाड़ सोगावास ने बताया कि किसान अपने हक के लिए यह लड़ाई लड़ रहा है. सरकार को किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए 8 सूत्री मांगें शीघ्र पूरी करनी चाहिए.
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ''किसान केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का शिकार बनता जा रहा है. केंद्र सरकार की नेफेड और राज्य सरकार की राजफेड़ संस्था द्वारा लिए जाने वाले निर्णय किसान विरोधी साबित हो रहे हैं. किसान आंदोलन की यह राह आसान नहीं है. मैंने किसान हितों की रक्षा करने के लिए भाजपा सरकार में आरंभ किए गए किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए भाजपा से किनारा कर लिया. इसी प्रकार आम आदमी पार्टी द्वारा दिए गए प्रस्ताव से अधिक महत्व किसानों की परेशानियों को दिया. आप सबका साथ ही मुझे इस प्रकार का निर्णय लेने का बल देता है. मेड़ता की नगरी त्याग और बलिदान की नगरी रही है. किसान आंदोलन का आगाज इसी नगरी से कर सरकार को मांगे मानने पर मजबूर करना होगा''.
यह है किसानों की 8 सूत्री मांगें
1. MSP यानी समर्थन मूल्य पर तुरन्त प्रभाव से अनाज की खरीद शुरू की जाए
2. सभी किसानों से जमीन के आधार पर पर्याप्त मात्रा में MSP पर खरीद की जाए
3. खरीद पंजीयन को निशुल्क किया जाए एवं पंजीकरण की लिमिट भी हटाई जाए
4. किसानों से खरीद पर हमाली व तुलाई का खर्चा नहीं लिया जाए
5. फसल बीमा कम्पनी एक प्रकार से व्यापारी है, उनके एकाधिकार को खत्म किया जाए
6. डेयरी कम्पनी के दूध की MRP है तो पशुपालकों के दूध की MRP क्यों नहीं, इसको लेकर भी सिस्टम बनाया जाए
7. किसानों को दिन में कम से कम 7 घंटे तक बिना ट्रिप के बिजली दी जाए
8. बिजली कम्पनी धारा 135 लगाकर तानाशाही करते हुए किसानों का आर्थिक शोषण करती है, ऐसे में यह धारा हटाई जाए.
Reporter: Damodar Inaniya
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