राजस्थान की सबसे बड़ी नमक मण्डी पर अब खतरे के बादल छाए हुए हैं. नमक उत्पादकों की उम्मीद केवल राजस्थान सरकार व प्रशासन से बंधी हुई है.
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Nawan: राजस्थान की सबसे बड़ी नमक मण्डी पर अब खतरे के बादल छाए हुए हैं. नमक उत्पादकों की उम्मीद केवल राजस्थान सरकार व प्रशासन से बंधी हुई है. नमक उत्पादन क्षेत्र में समय रहते यदि विभिन्न समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो नमक उद्योग ठप हो जाएगा, जिससे राजस्थान सहित उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, झारखण्ड सहित अन्य क्षेत्रों में नमक की कमी आ सकती है.
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वहीं राजस्थान के अतिरिक्त यदि गुजरात से इन राज्यों में नमक की पूर्ति की जाए तो आमजन को काफी महंगा नमक उपलब्ध होगा. नमक परिवहन करने में भी काफी खर्च आयेगा. नमक उद्योग को बचाने के लिए नमक उत्पादक संघ के अध्यक्ष केशाराम लोरा सहित अन्य सदस्यों ने अपनी इन समस्याओं के समाधान के लिए राजस्थान सरकार के उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी से मुलाकात की व समस्याओं से अवगत करवाया.
नमक उत्पादकों ने बताया कि रेलवे की ओर से फास्ट ट्रेक का निर्माण शुरू किया गया. फास्ट ट्रेक कार्य में कई नमक उत्पादकों की जमीनें आवाप्त की गई लेकिन मुआवजा खसरे के सभी खातेदारों में बांट दिया. जिसके कारण मौके पर जिस नमक उत्पादक की भूमि आवाप्त हुई है, उसका मुआवजा दूसरों में बंट गया. यदि समय रहते सभी नमक उत्पादन इकाईयों का म्यूटेशन सही चढ़ा दिया होता तो मुआवजा उसी व्यक्ति को मिलता, जिसका बहुत नुकसान हुआ है.
खसरे में से जिस खातेदार के हिस्से की भूमि अवाप्ति की गई है, उसका मुआवजा उस खसरे के सभी खातदारों में दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से नमक उत्पादन इकाई क्षेत्र में जमीनों के नियमन पर रोक लगाई गई है. जिसके चलते नमक उत्पादन इकाइयों की जमीनों का काफी समय से नियमन नहीं हो रहा है, जिससे नई नमक उत्पादन इकाइयां नहीं लग पा रही है.
नमक इकाईयों में वृद्धि नहीं होने से उत्पादन नहीं बढ़ रहा है. रेलवे फास्ट ट्रेक के बाद नमक उत्पादन काफी घट गया है, जिससे नावां क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाना आवश्यक है. नियमन शुरू करने से नमक उत्पादन इकाईयां विकसित होगी. यदि समय रहते जमीनों का नियमन शुरू नहीं किया गया तो नमक मण्डी खतरे में आ जाएगी. नमक उत्पादक सत्यनारायण खुल्डिया और महेन्द्र रणवां ने बताया कि नावां नमक उत्पादन क्षेत्र में अधिकांश नमक उत्पादकों की लीज निरस्त हो गई है.
शिक्षा का अभाव और व्यस्तता के कारण लीज के नवीनीकरण की दिनांक निकलने के समय का पता नहीं चला. ऐसे में अब राजस्थान की सबसे बड़ी नमक की मंडी पर खतरे के बादल छाए हुए नजर आ रहे हैं.
REPORTER - DAMODAR INANIYAN