नारायण बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह ही सांसद ने इस अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कई कमियां उजागर हुईं. इससे लगता है कि डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी की कोई चिंता नहीं है.
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Nagaur: नागौर जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल के हालात खराब हैं. अस्पताल में 48 डॉक्टर कार्यरत हैं लेकिन उपस्थिति केवल नाम मात्र की रहती है. इस दौरान पिछले दिनों अठियासन के निकट बस और ट्रक की भिड़ंत में हुए हादसे में 30 जने घायल हुए.
इस दौरान हादसे के समय न ही एंबुलेंस में पायलट मिले और ही मौके पर कोई एमर्जेंसी में कोई चिकित्सक उपस्थित मिले. इसी को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल भी मौके पर पहुंचे और अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और जिला कलेक्टर को मौके कर बुलाकर. लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दिए.
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वहीं, आज खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने भी दोपहर दो बजे नागौर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां की व्यवस्था देख कर खुद भी चौंक गए. इस दौरान अस्पताल में 48 डॉक्टर कार्यरत है, जिनमें से केवल 5 डॉक्टर ही अस्पताल में उपस्थित मिले. जो वास्तव में चिकित्सा व्यवस्था के लिए चिंताजनक है. इस बारे में मौके पर ही जिला कलेक्टर से दूरभाष पर वार्ता करके आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए. इस बारे में मौके पर ही जिला कलेक्टर से दूरभाष पर वार्ता करके चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए.
डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी की कोई चिंता नहीं
नारायण बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह ही सांसद ने इस अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कई कमियां उजागर हुईं. इससे लगता है कि डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी की कोई चिंता नहीं है. तत्काल इस मामले को लेकर माननीय चिकित्सा मंत्री को भी अवगत कराउंगा और दोषियों पर कार्रवाई हो और समय पर चिकित्सकों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, जो चिकित्साकर्मी और डॉक्टर निरिक्षण के दौरान उपस्थित मिले उन्हें धन्यवाद भी दिया. विधायक बेनीवाल ने कहा कि आज लोग चिकित्सा सुविधाओं से जुड़े लोगों को भगवान का दर्जा देते हैं तो लोगों की भावना के अनुरूप चिकित्साकर्मी उसे बरकरार भी रखें.
PMO ने अपनी पीड़ा जाहिर की
साथ ही कार्यवाहक PMO ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि डॉक्टर उनके निर्देश नहीं मानते. जब कुछ कहते हैं डॉक्टरों को तो डॉक्टर लडाई झगड़ा करने लगते हैं. ऐसे में वो भी बहुत परेशान हैं. सभी डॉक्टर्स अपनी मन मर्जी करते रहते हैं और समय से पहले ही चले जाते हैं और बिना किसी सूचना के ही छूट्टी पर चले जाते हैं.
विधायक ने कहा कि एक तरफ तो सरकार राइट टू हेल्थ बिल लाने की बात कर रही है तो दूसरी और चिकित्सकों को ड्यूटी के लिये पाबंद नहीं करना अपने आप में बड़ी विचित्र बात है. इस दौरान एक प्रसूता जो प्रसव पीड़ा से बेहोसी की स्थिति में थी. उसको डॉक्टर के घर जाने के लिये बोल दिया. मौके पर पहुंचकर नारायण बेनीवाल ने उसे लेबर रूम में भर्ती करवाया. इस दौरान रालोपा नेता अनिल बारूपाल और ईनाणा सरपंच रूपाराम भी साथ मौजूद रहे.
Reporter - Damodar Inania
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