Merta: राजस्थान के नागौर जिले के रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र के लूणी नदी में चल रहे बजरी खनन को लेकर अब दो आमने-सामने हो गए है. आखिर कौन-सा गुट अवैध बजरी खनन कर रहा है.
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Merta: राजस्थान के नागौर जिले के रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र के लूणी नदी में चल रहे बजरी खनन को लेकर अब दो आमने-सामने हो गए है. आखिर कौन-सा गुट अवैध बजरी खनन कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदेश भर में नदी नालों से बजरी खनन पर रोक हटने के बाद रियांबड़ी की लूनी नदी क्षेत्र में हो रहा बजरी खनन वैध है या अवैध इसको लेकर भी असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है. क्योंकि मौके पर लीजधारी के नाम अधिकृत खनन क्षेत्र पर पिलर डीमारकेशन ऐरिय का सूचना बोर्ड सहित अन्य कोई जानकारी को लेकर मौके पर कोई उल्लेख नहीं होने के कारण बजरी का अवैध खनन होने के संकेत दे रहा है.
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ट्रैक्टरों द्वारा बजरी परिवहन करके लीज होल्डर के कांटे पर भंडारण किया जा रहा है और यहीं से डंपरों में बजरी भरकर तुलाई के बाद रवाना किया जाता है. नागौर जिले के गोटन खनिज कार्यालय के अधीन मेड़ता रियांबड़ी तहसील के अधीनस्थ आने वाली लूनी नदी में लीज धारक मेघराज सिंह एंड कंपनी के नाम 13 माह 6 दिवस के लिए बजरी खनन की स्वीकृति जारी की गई है.
बजरी खनन को लेकर ग्रामीणों में रोष
लूणी नदी क्षेत्र में बजरी खनन को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण लोग अपने-अपने गांवों में बैठक कर लूनी नदी में चल रहे अवैध बजरी खनन की रोकथाम को लेकर चर्चा करते नजर आ रहे है. ग्राम आलनियावास की तालाब की पाल पर हुई ग्रामीणों की बैठक में लोगों ने भारी रोष जताया. बावजूद इसके लूनी नदी से ट्रैक्टरों द्वारा अनियमित तरीके से बजरी परिवहन करके लीज धारी के स्टॉक पर खाली किया जा रहा है, जिसको लेकर ग्रामीणो में भारी रोष देखने को मिल रहा है. अब देखने वाली बात ये है कि जहां से बजरी का खनन हुआ क्या वो क्षेत्र वैध खनन का क्षेत्र है या फिर अवैध बजरी खनन का.
मनोज कुमार तंवर सहायक खनिज अभियंता गोटन
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद क्षेत्र की लूनी नदी में बजरी खनन को लेकर स्वीकृति जारी की गई है, जिनके नाम लीज है उनकी स्वीकृति लीज का नाप चोप कर के ही पता लगाया जा सकता है कि जहां खनन हो रहा है वो वैध खनन है या अवैध खनन. मौके पर नियमों की अनदेखी हो रही है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
Reporter: Damodar Inaniya
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