Sachin Pilot : सचिन पायलट की नागौर में आज जनसभा है. राजस्थान में ये इलाका जाटलैंड के तौर पर जाना जाता है. इसके बाद पायलट झुंझुनूं, पाली और हनुमानगढ़ में सभाएं करेंगे. माना जा रहा है कि पायलट गुर्जर वोटबैंक के फ्यूल के आसरे जाटलैंड के रनवे से विमान को फिर उड़ान देने की तैयारी में है.
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Sachin Pilot : राजस्थान में सचिन पायलट अगले तीन दिन तक नागौर ( Nagaur ) से लेकर हनुमानगढ़, झुंझुनूं और पाली के साथ साथ जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे. पायलट इन जनसभाओं के जरिए एक बार फिर से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे है. चुनावी साल में पायलट की इन सभाओं की चर्चा प्रदेश से लेकर दिल्ली ( Delhi ) के सियासी गलियारों में भी है. अशोक गहलोत ( Ashok gehlot ) और सचिन पायलट के बीच चल रही लंबे समय से अदावत और राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं की लंबी चर्चाएं चली. राहुल गांधी ( Rahul gandhi ) की भारत जोड़ो यात्रा भी राजस्थान से होकर निकल गई. लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इसी बीच पायलट की इन यात्राओं के कई सियासी मानये निकाले जा रहे है.
सचिन पायलट अपनी जनसभाओं की शुरुआत नागौर से कर रहे है. नागौर के परबतसर में आज पहली जनसभा हुई. ये इलाका जाट राजनीति का केंद्र माना जाता है. इसके बाद में शेखावाटी के झुंझुनूं के साथ साथ हनुमानगढ़ के साथ पाली और जयपुर में सभाएं होगी. ये इलाके मोटे तौर पर जाटलैंड के तौर पर पहचान रखते है. ऐसे में सचिन पायलट की जाट और गुर्जर समीकरणों की नई रणनीति भी सामने आ रही है.
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सचिन पायलट का सबसे ज्यादा क्रेज गुर्जर बहुल इलाकों में है. लेकिन बावजूद इसके जनसभाएं जाटलैंड में हो रही है. ऐसे में ये मायने निकाले जा रहे है कि सचिन पायलट गुर्जर समर्थन के साथ साथ जाट समर्थन जुटाकर समर्थकों का बड़ा बेस तैयार करना चाहते है. राजस्थान में वोटबैंक के लिहाज से जाट मतदाता सबसे ज्यादा है. 12 प्रतिशत जाट वोटर और 9 प्रतिशत गुर्जर वोटर है. पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में गुर्जरों ने पूरी तरह से कांग्रेस का साथ दिया था. परिणाम ये रहा कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें इसी इलाके में मिली.
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उसके बाद साल 2020 में आए सियासी संकट के बाद गुर्जर वोटर को अपने साथ बनाए रखने के लिए कांग्रेस ( Congress ) को विशेष रणनीति पर काम करने की जरुरत पड़ी. अशोक चांदना को सचिन पायलट ( Sachin pilot ) के मुकाबले में खड़ा करने की कोशिश की गई. लेकिन पुष्कर में हुए प्रकरण ने ये स्पष्ट कर दिया कि चांदना के लिए राह आसान नहीं है. अब एक तरफ अशोक गहलोत ( Ashok gehlot ) जयपुर में दो दिन के चिंतन शिविर के जरिए सरकार का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहे है. तो वहीं सचिन पायलट नागौर ( Nagaur ) से लेकर हनुमानगढ़, झुंझुनूं और पाली जिलों में नजसभाएं करने के बाद जयपुर ( Jaipur ) में भी जनसभा कर अपनी ताकत दिखाने तैयारी कर रहे है. जाटलैंड के रनवे पर पायलट अपने विमान को गति देने की कोशिश कर रहे है.