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Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में नए साल में कई नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं. बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री और दीया कुमारी के साथ प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाकर बदलाव का बड़ा संकेत दे दिया है, तो वहीं अब मान जा रहा है कि बदले हालात में कांग्रेस भी नेतृत्व परिवर्तन कर सकती है, यानी नए साल में बीजेपी और कांग्रेस को नए प्रदेश अध्यक्ष मिल सकते हैं.
राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद कई स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है तो वहीं एक राजपूत और एक दलित को उपमुख्यमंत्री बनाकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. वहीं अब माना जा रहा है कि भाजपा नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है,
दरअसल भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री पद और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मण चेहरे आसीन है, मौजूदा वक्त में सीपी जोशी के पास प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व है. आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा सीपी जोशी को लोकसभा चुनाव के लिए पद से मुक्त कर सकती है और किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दी जा सकती है. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए माना जा रहा है कि कैलाश चौधरी पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं, वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी यह दायित्व दिया जा सकता है.
राजस्थान में मिली हार के बाद कांग्रेस नए प्रदेश अध्यक्ष पर विचार कर रही है, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले गोविंद सिंह डोटासरा को कोई दूसरा दायित्व दिया जा सकता है और उनकी जगह सचिन पायलट को फिर से पार्टी की कमान दी जा सकती है. हालांकि एक थ्योरी यह भी है कि अगर भाजपा किसी जाट को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो कांग्रेस के पास गोविंद सिंह डोटासरा के विकल्प के रूप में हरीश चौधरी भी है, अशोक गहलोत को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में जिम्मेदारी दे दी है. वहीं कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी फैसला करना है.
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