Rajasthan- सांसद हनुमान बेनीवाल ने क्यों छोड़ी संसदीय सदस्यता, समझें मायने
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Rajasthan- सांसद हनुमान बेनीवाल ने क्यों छोड़ी संसदीय सदस्यता, समझें मायने

MP Hanuman Beniwal Resigned From loksabha:  सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस बार विधानसभा चुनाव में नगौर के खींवसर ने चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे है. इसी के साथ वह पहले से ही 2019 में नगौर से लोक सभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे.  

MP Hanuman Beniwal Resigned From loksabha

MP Hanuman Beniwal Resigned From loksabha: नगौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को उनके कार्यलय में जाकर इस्तीफा दिया. बता दें कि हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद है. उनके इस्तीफे के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा होनी शुरू हो गई है कि आखिर आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने यह कदम क्यों उठाया.

वहीं दूसरी तरफ बता दें कि बुधवार को संसद में लोकसभा में कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा में दो लोगों के अचानक कूदने पर आरएलपी सुप्रीमो ने एक को पकड़ लिया था और उसकी खूब पीटाई भी हुई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.  इस घटना के बाद हनुमान बेनीवाल ने संसद से बाहर आकर कहा था कि मैंने उनका अच्छा इलाज कर दिया है, वो दोबारा संसद में इस तरह से नहीं घुसेंगे. सांसद के इस साहस की सभी ने खूब प्रशंसा की थी. बता दें कि इसी दिन सांसद इस्तीफा देने आए थे. लेकिन इस वाकये के चलते वे इस्तीफा भी नहीं दे पाए. 

 क्यों दे रहे है इस्तीफा
नगौर से सांसद रहे हनुमान बेनीवाल अब नगौर से सांसद नहीं है. 2023 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने चंद्रशेखर आजाद 'रावण' की आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन  कर राजस्थान में  चुनाव लड़ा था. इसी के साथ आएलपी सुप्रीमो ने  खींवसर से चुनाव लड़ा, यहां से वो 4 बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने 2019 से 17वीं लोकसभा में नागौर से चुनाव लड़ा था. और जीता था. इसी के कारण उन्हें अपनी सदस्यता को छोड़ना पड़ रहा है.  क्योंकि भारतीय संविधान के मुताबिक, एक व्यक्ति एक साथ विधानसभा और लोकसभा का एख साथ सदस्य नहीं हो सकता . यदि वह दोनों के लिए निर्वाचित हुआ है तो दो 15 दिन के भीतर एक जगह से इस्तीफा देना पड़ता है. यही कारण है कि हनुमान 13 दिसंबर को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने आए थे. 

 

कौन हैं हनुमान बेनीवाल
बेनीवाल को 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने पार्टी के सदस्यों पर कांग्रेस के नेताओं के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था. उन्होंने नागौर, बाड़मेर, बीकानेर, सीकर, जयपुर में पांच किसान हुंकार महा रैलियों का सफलतापूर्वक आयोजन किया और  जयपुर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जिसका चुनाव चिन्ह "बोतल" 29 अक्टूबर 2018 को बनाया.

बेनीवाल नागौर में एक कृषक नेता हैं और उन्होंने अपनी पार्टी आरएलपी के उम्मीदवार के रूप में तीसरी बार विधानसभा सीट जीती है. 2013 में वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार थे और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार को 23,020 वोटों से हराया था. 2008 में वह भाजपा के उम्मीदवार थे और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बसपा उम्मीदवार को 24,443 वोटों से हराया था.2019 में लोकसभा चुनाव में, बेनीवाल ने नागौर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की.

बेनीवाल की जीत का अंतर इस बार कम हो गया
इस बार उन्होंने फिर अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर भी कम हो गया और अपनी पार्टी के वे केवल एकमात्र विधायक चुने गए. हनुमान बेनीवाल इस बार बीजेपी के रेंवतराम डांगा से महज 2059 वोटों से चुनाव जीते हैं. बेनीवाल पश्चिमी राजस्थान के नागौर के साथ ही जोधपुर, शेखावाटी और बीकानेर जिले में अपना प्रभाव रखते हैं.

 

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