Dhariyawad: गोवंश को बचाने में जुटा युवा, लंपी संक्रमित गायों के इलाज के लिए कर रहे जागरुक
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Dhariyawad: गोवंश को बचाने में जुटा युवा, लंपी संक्रमित गायों के इलाज के लिए कर रहे जागरुक

Dhariyawad: जिले में युवा लंपी संक्रमित गोवंश को बचाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज के साथ दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं.

गोवंश को बचाने में जुटा युवा

Dhariyawad: जिले में युवा लंपी संक्रमित गोवंश को बचाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज के साथ दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं. लंपी ने पूरे देश में गोवंश पर कहर बरपा रखा है. जिसके बचाव के लिए डॉक्टर और स्वयंसेवक अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रहे है. हिन्दू जागरण मंच और अन्य संगठन मिलकर अपने-अपने स्तर पर गायों को बचाने के काम में जुटे हुए है. धरियावद उपखंड के मूंगाणा में लंपी वायरस को लेकर भामाशाह संदीप चंदावत द्वारा करीब 1 क्विंटल सामग्री के आयुर्वेदिक औषधि लड्डू बनाए गए, जिसे गोठड़ा ग्राम पंचायत में उपखंड अधिकारी बीएल स्वामी के साथ मिलकर गोवंश को खिलाए गए है. 

एसडीएम स्वामी ने भी इसकी खूब प्रशंसा की है. एसडीएम बीएल स्वामी का कहना है कि गौभक्तों ने पहल शुरू की है और यह पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा स्रोत साबित होगी. ओपन प्रशासन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया. लगातार करीब 5 ग्राम पंचायतों पर राजमल पालीवाल आयुर्वेदिक डॉ कैलाश चंद्र, शर्मा प्रदीप शर्मा नोडल अधिकारी, लक्ष्मण मीणा के, की देखरेख में लगातार कई भामाशाह ने अपना योगदान दिया, जिसके चलते कई पशु बीमारी से ठीक हो गए है. 

आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा लगातार क्षेत्र में पारसोला मुंगाणा में गौ सेवा संगठन तत्परता से अपनी तरफ से घर-घर जाकर लड्डू वितरण किए. धरियावद उपखंड में लगातार पिछले 15 दिनों से गौ सेवा संगठन सेवा कार्य में जुटा हुआ है. ऐसे ही स्वयंसेवक दलोट रायपुर रोड स्थित संत श्री विनोद जी राम गोशाला में आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर पिला रहे है. यहां 200 से अधिक गाय हैं. जिनमें 7-8 में लंपी वायरस का सामान्य संक्रमण है. जिन्हें गौशाला में ही एक अलग जगह रखकर उपचार किया जा रहा है. 

गोशाला में साफ-सफाई और गायों के पोषण का विशेष रुप से ध्यान रखा जा रहा है. शहर में भी हिन्दू संगठन लोगों द्वारा गायों की सेवा की जा रही है. 1 क्विंटल काढ़े के लिए 30 किलो गुड़, 2 किलो काली मिर्च, 10 किलो हल्दी, नीम के पत्ते, सनाय के पत्ते, 70 लीटर पानी, सभी के मिश्रण को लगभग 2 घंटे तक उबाला जाता है. संक्रमण को रोकने के लिए गायों को 200 एमएल और बछड़ों को 100 एमएल की मात्रा पिलाई जा रही है. 

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गर्भवती गायों को यह काढ़ा नहीं पिलाया जा रहा इस अवसर पर दलोट, रायपुर और सालमगढ़ के 100 से अधिक स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुटे हुए है. प्रतापगढ़ शहर में भी स्वयं सेवा संस्थान गोवंश को प्रतिदिन हरा चारा सहित पौष्टिक लड्डू खिला रही है. शहर की सड़कों पर देर रात रोजाना स्वयं सेवा संस्थान के सैकड़ों युवा गोशालाओं में कीटनाशक का छिड़काव और सड़कों पर बैठी बीमार गौ माताओं की सेवा में लगे हुए है.

Reporter: Vivek Upadhyay

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