Paryushan Parv 2024: श्वेतांबर जैन समाज के पूर्ण हुए पर्युषण, दिगंबर जैन समाज के दस दिवसीय पर्व शुरू
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Paryushan Parv 2024: श्वेतांबर जैन समाज के पूर्ण हुए पर्युषण, दिगंबर जैन समाज के दस दिवसीय पर्व शुरू

Paryushan Parv 2024: प्रतापगढ़ जिले के जैन मंदिरों में श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व पूर्ण होने पर इसके साथ ही दिगंबर जैन समाज के दस दिवसीय पर्युषण पर्व शुरू होने पर कई आयोजन किए गए.

Paryushan Parv 2024

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के जैन मंदिरों में श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व पूर्ण होने पर इसके साथ ही दिगंबर जैन समाज के दस दिवसीय पर्युषण पर्व शुरू होने पर कई आयोजन किए गए. श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व पूर्ण हो गए. 

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इसके साथ ही दिगंबर जैन समाज के दस दिवसीय पर्युषण पर्व शुरू हो गए. इसके तहत जैन मंदिरों में कई आयोजन किए गए. सुबह से ही श्रद्धालुओं में खास उत्साह देखा गया. ऋषभदेव मंदिर में आयोजन हुए. जिसमें मंदिर में सुबह पंचामृत महाभिषेक के बाद नित्य नियम पूजा के साथ ध्वजारोहण हुआ. 

 

वहीं मंडप स्थापना, कलश स्थापना, सकलीकरण हुआ. मंदिर में पूजा शुरू हुई. इंद्र-इंद्राणियों द्वारा विधान की बेदी पर श्रीफल चढ़ाए गए. इसके पूर्व मंदिर के कार्यकर्ताओं ने वेदी पर विभिन्न रंगों से मंडय बना कर कल्पकृक्ष की रचना की. 

 

साथ ही जूना मंदिर में साध्वी सरस्वती माता ससंघ के सान्निध्य में सुबह महा शांति धारा, नित्य नियम पूजा एवं प्रवचन के कार्यक्रम हुए. शाम को आरती व प्रश्न मंच व एक मिनट प्रतियोगिता का कार्यक्रम हुआ. शहर के नया मंदिर, भाईजी का मंदिर, पंचायती बाल मंदिर, जैन बोर्डिंग, नाकोड़ा नगर पारसनाथ मंदिरों में भी आयोजन हुए. 

 

वहीं जिले के पीपलखूंट में भी दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व रविवार से शुरू हो गए. पीपलखूंट जैन युवा संगठन के अध्यक्ष प्रदीप सेठ ने बताया कि जैन समाज इस आत्मशुद्धि के महापर्व पर शुभ और अशुभ कर्मों का प्रक्षालन करने के लिए मन के दूषित भावों और विकारों को दूर करने के लिए पर्व को बेहद श्रद्धा के साथ मनाएंगे. इस अवसर पर सांगानेर के शास्त्री संयम भैय्या प्रवचन हुए हैं. 

 

पर्युषण पर्व के प्रथम दिवस निज मंदिर में देवाधिदेव मूलनायक अरहनाथ भगवान के प्रथम अभिषेक शांतिधारा हुए. कार्यक्रम में उत्साह एवं उमंग के साथ श्रीजी का अभिषेक किया. इसके बाद शास्त्री संयम भैय्या के सान्निध्य में नित्य नियम की पूजा दसलक्षण धर्म की पूजा हुई. तत्वार्थ सूत्र का वाचन एवं व्याख्यान किया गया. दसलक्षण धर्म विधानमण्डल की सुन्दर रचना बनाई गई.

 

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