राजसमंद में कोरोनाकाल के दो साल बाद दशहरा के पर्व पर रावण के पुतलों का दहन के लिए नगर परिषद की ओर से इस बार कांकरोली, राजनगर के साथ धोइंदा में भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
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Rajsamand: राजसमंद में कोरोनाकाल के दो साल बाद दशहरा के पर्व पर रावण के पुतलों का दहन जोरदार आतिशबाजी के साथ किया जाएगा. इसके लिए नगर परिषद की ओर से इस बार कांकरोली, राजनगर के साथ धोइंदा में भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. बता दें कि विजयदशमी का पर्व शहर के धोइंदा क्षेत्र के लिए भी नई शुरुआत लेकर आया है, क्योंकि इस बार से नगर परिषद की ओर से धोइंदा में भी कांकरोली और राजनगर की तरह रावण के पुतले का दहन किया जाएगा.
नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने बताया कि दो साल तक कोरोना गाइड लाइन के तहत लगी पाबंदी के कारण दहशरा के पर्व पर रावण के पुतले का दहन नहीं किया जा सका था, लेकिन इस बार फिर से परंपरागत रूप से दशहरा का पर्व मनाया जाएगा और रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस बार परिषद की ओर से नई शुरुआत करते हुए धोइंदा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के मैदान में भी 35 फीट के रावण के पुतले का दहन प्रभु श्रीराम की आकर्षक झांकी निकालकर किया जाएगा, इसके साथ ही पुतले के दहन से पूर्व यहां पर भी आतिशबाजी की जाएगी.
सबसे पहले शाम 7 बजे धोइंदा में ही पुतले का दहन होगा, जिसके बाद कांकरोली और उसके बाद राजनगर में पुतले का दहन किया जाएगा. सभापति टांक ने बताया कि कांकरोली में 51 फीट के पुतले का दहन होगा, जबकि राजनगर में 35 फीट के पुतले का दहन किया जाएगा, तो वहीं कांकरोली में दहन से पूर्व प्रभु श्री द्वारकाधीशजी के मंदिर से परंपरागत रूप से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी और हनुमानजी की सवारी गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा के कार्यक्रम स्थल बालकृष्ण स्टेडियम पहुंचने पर आतिशबाजी के साथ पुतले का दहन किया जाएगा. राजनगर में भी चेतनदास आश्रम से सवारी निकाले जाने के बाद पुतले का दहन किया जाएगा. तीनों स्थानों पर दशानन के पुतलों के दहन से पूर्व रंगारंग हवाई आतिशबाजी के आकर्षक नजारे शहरवासियों को देखने को मिलेंगे.
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