Rajasthan News: सीकर जिले के खाटूश्यामजी में अजमेर निवासी आरती टांक को बाबा श्याम की ऐसी लगन लगी कि सरकारी नौकरी और घर परिवार को छोड़कर बाबा श्याम की भक्ति में ही रम गईं.
Trending Photos
KhatushyamJi, Sikar: राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में अजमेर निवासी एमए तक पढ़ी आरती टांक को बाबा श्याम की ऐसी लगन लगी की सरकारी नौकरी और घर परिवार को छोड़कर बाबा श्याम की भक्ति में ही रम गई. आरती 2012 में जवार लाल नेहरू अस्पताल अजमेर में अनुबंध पर ओपीडी में कार्यरत थी.
खाटूधाम में 2009 में पहली बार श्याम नगरी में आई थी इसी दौरान बाबा श्याम के प्रति गहरी आस्था लग गयी. अजमेर जाने के बाद बार बार बाबा के दर पर आने की लगन लगी रही, तभी 2013 और 2014 तक कैई बार बाबा की चौखट पर आई. इस दौरान बाबा श्याम के प्रति मन में आस्था घर करने पर 2014 में नौकरी छोड़ कर बाबा की भक्ति में लग गई.
साथ ही इसके बाद 2015 में बाबा श्याम की नगरी में आने के बाद बाबा की भक्ति में ही लग गई. आरती से भक्तो ने आरती दीदी बना दिया और धीरे-धीरे बाबा श्याम की लगन में पागल हुई. आरती को अब श्याम जगत में श्याम की मीरा के नाम से पुकारने लगे हैं. इन्होंने तीन साल तक जयपुर से खाटूश्यामजी पदयात्रा की. 2014 से लगातार खाटूश्यामजी रह रही आरती अब तक 22000 निशान श्याम बाबा को अर्पित कर चुकी हैं और अभी जन्मोत्सव से फाल्गुन मेले तक 5100 निशान का संकल्प लेकर निशान यात्रा शुरू कर दी है.
बता दें कि प्रतिदिन दो यात्रा करके 34 किमी का सफर तय करने वाली आरती वर्ष 2012 से नंगे पांव ही रह रही है. रामस्वरूप टांक की सुपुत्री आरती समाजशास्त्र में एमए है और कम्प्यूटर कोर्स भी कर रखा है. आरती बाबा श्याम के निशान के साथ हनुमान जी का निशान भी लेकर आती है. आरती का मानना है कि सन् 2007 में बाबा श्याम सपने में दिखाई देते थे और मैं हाथों में निशान का बंडल ही दिखाई देता था. जब से ध्वजाबंधधारी के निशान चढ़ाने की प्ररेणा मिली और तब से यह सिलसिला लगातार जारी है. आरती अब खाटूश्यामजी की ही रहवासी हो गई है अब अपने घर कभी कभी त्यौहार विशेष पर ही जाती है और खाटूश्यामजी में भी निशुल्क ही रह रही है.
जयपुर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढ़ेंः
आखिर क्यों Kangana बोलीं कि 'मेरे पिता सुबह-शाम जय मोदी-योगी कहते हैं', कहीं ये तो नहीं है इरादा ?
Rajasthan Alert: राजस्थानवासियों के लिए भारी रहेगा कल का दिन, इतने घंटों तक गुल रहेगी बिजली