राजस्थान के माउंट आबू में अरावली की पहाड़ियों पर एक पर्वतमाला है. यह जगह अरावली पर्वतमाला का सबसे ऊंचा स्थान है. कहते हैं कि यहां ऋषि वशिष्ठ ने तपस्या की थी. इस स्थान पर अहिल्या माता का मंदिर भी बना हुआ है.
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Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान की उस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भयंकर गर्मी में ठंडी रहती है. यह इलाका माउंट आबू में अरावली की पहाड़ियों पर है, जो एक पर्वतमाला है. इसे गुरु शिखर के नाम से जाना जाता है. यह अरावली पर्वतमाला का सबसे ऊंचा स्थान है.
इस पर्वतमाला की इतनी अधिक ऊंचाई है, जहां जाकर तपती गर्मी में यहां ठंडक महसूस होती है. इस पर्वतमाला के पीछे एक कहानी छुपी है, जो ऋषि वशिष्ठ की है. कहते हैं कि यहां ऋषि वशिष्ठ ने तपस्या की थी, जिसके चलते लोगों ने इस पर्वतमाला का नाम गुरु शिखर रख दिया.
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इस स्थान पर अहिल्या माता का मंदिर बना हुआ है. इसके अलावा दत्तात्रेय मंदिर, जहां पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा की जाती है. इस पर्वतमाला की ऊंचाई 5,650 फीट है. लोगों के अनुसार, इस पर्वत चोटी को संतों के शिखर के नाम से भी जाना जाता है.
गुरु शिखर के घूमने का स्थान है. इसके साथ ही यहां से कई सारी धार्मिक कहानियां भी जुड़ी हुई हैं. इस पर्वत की कहानी, देवताओं की द्वारा बनाई गई झील से भी जुड़ी हुई है, जिसका नाम नक्की झील है.
कहते हैं कि इस झील को देवताओं ने राक्षसों ने बचने नाखून से खोद डाली थी, जिसके चलते इसका नाम नक्की पड़ा. लोगों द्वारा इस झील की पूजा की जाती है, जिसके बाद लोग शिखर पर जाते हैं. कहते हैं कि यहां ऋषियों ने जो तप किया था, उसकी एनर्जी आज भी यहां है. गुरु शिखर हमेशा ठंडा रहता है, इसकी वजह इस जगह की ऊंचाई है.
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गुरु शिखर से कई सारी रहस्यमयी कहानियां जुड़ी हुई हैं. कहते हैं कि इस स्थान से बहुत बार रोशनी देखी गई है, जिसे लोग खगोलीय घटना कहते हैं या फिर कुछ लोग जादुई कहते हैं. यहां बनी एक गुफा काफी ठंडी रहती है, जिसे लोग दैवीय ऊर्जा कहते हैं.
गुरु शिखर पर आने के लिए सबसे अच्छा महीने अक्टूबर से मार्च तक के हैं. गुरु शिखर माउंट आबू ने 15 किलोमीटर दूर है. शिखर पर जाने के लिए 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगे. आप यहां पर सुबह 8 बजे से शाम के 6.30 तक जा सकते हैं.