Malpura:बीसलपुर डैम में JEN को चोरी छिपे बोटिंग करना पड़ा भारी, बीच में फंसी नाव, हुए लापता
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Malpura:बीसलपुर डैम में JEN को चोरी छिपे बोटिंग करना पड़ा भारी, बीच में फंसी नाव, हुए लापता

Tonk, Malapura News: मालपुरा के टोडारायसिंह के समीप बीसलपुर डैम में  जेईएन मोहसिन खान को  परिजनों के साथ चोरी छिपे वोटिंग करना भारी पड़ गया. अचानक से आए तेज अंधड़ के चलते बीच मझधार में नाव हिचकोले खाने लगी. 

Malpura:बीसलपुर डैम में JEN को चोरी छिपे बोटिंग करना पड़ा भारी, बीच में फंसी नाव, हुए लापता

Tonk, Malapura News: मालपुरा के टोडारायसिंह के समीप बीसलपुर डैम में चोरी छिपे वोटिंग करना उस समय भारी पड़ गया जब पंचायत समिति के जेईएन मोहसिन खान अपने परिजनों के साथ सैर सपाटे के लिए निकले थे लेकिन अचानक से आए तेज अंधड़ के चलते बीच मझधार में नाव हिचकोले खाने लगी. नाव में सवार जेईएन मोहसिन खान  समते उनके परिववाले लोग चीख-पुकार के बीच जिंदगी और मौत की जंग लड़ने लगे.

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JEN हुए लापता
गनीमत यह रही कि बीसलपुर डैम के समीप मछली कांटे से मछली ठेकेदार के लोगों ने स्टीम बोट सें तत्काल नाव के करीब पहुंचकर 2 बच्चों समेत पांच को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन नाव के पलट जाने से चालक बद्री लाल गुर्जर निवासी थड़ोला व पंचायत समिति के जेईएन मोहसिन खान लापता हो गए.
वहीं दूसरी ओर सुरक्षित बच्चे 5 में से 2 जयपुर निवासी तालीब व उसका पुत्र कबीर टोंक के सहादत अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं.

वही, हादसे की सूचना मिलते ही टोक पुलिस पहुंची और रात 11बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.देर रात होने पर तलाशी रोक दी गई.
सात ही  सुबह से  एक बार फिर से लापता लोगों की तलाश शुरू की. ऐसे में संभावना यह है बीसलपुर डैम की उफनती लहरों के बीच जेईएन मोहसिन खान और नाव चालक बद्री गुर्जर  पानी में कहीं लापता हो गए.

आपको बता दें कि बीसलपुर डैम में स्थित दर्जनों टापूओं व केचमेंट एरिया में खाली होने वाली जमीन पर लोग आज भी अवैध रूप से कृषि कार्य करते हैं. तथा इनके पास वहां तक आने-जाने के लिए अपनी निजी नावें मौजूद है. 

सूत्रों ने बताया कि बीसलपुर डैम में संचालित अवैध नावों व नौकायन पर सुरक्षा कारणों को लेकर पूर्व में भी स्थानीय जागरूक लोगों के जरिए मीडिया के माध्यम से प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है. लेकिन अफसोस की मत्स्य विभाग या प्रशासन द्वारा आज तक बीसलपुर डैम में संचालित इन अवैध नावों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी. इसी का परिणाम है कि बीसलपुर डैम में हर कोई आम व खास सैर सपाटा के लिए इन्हीं काश्तकारों की नाव का इस्तेमाल करते हुए अपनी जान जोखिम में डालते रहे हैं.

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