टोंक जिले में जलदाय विभाग एक ओर कार्मिकों का टोंटा झेल रहा है. वहीं, दूसरी ओर दीपावली जैसे त्योहार की जिम्मेदारी से अधिकारी से लेकर कार्मिक परेशान हो रहे हैं.
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Tonk: टोंक जिले में जलदाय विभाग एक ओर कार्मिकों का टोंटा झेल रहा है. वहीं, दूसरी ओर दीपावली जैसे त्योहार की जिम्मेदारी से अधिकारी से लेकर कार्मिक परेशान हो रहे हैं. हालांकि जलदाय विभाग ने शहरवासियों की पेयजल व्यवस्था को मुक्कलम करने के इंतजाम तो पुख्ता करने की कोशिश की है. लेकिन कार्मिकों के टोंटे की शिकायतों का समाधान होने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. टोंक को राजस्थान का हार्ट माना जाने वाला राजधानी सहित कई जिलों की लाइफलाइन कहा जाता है. बीसलपुर बांध का शहर टोंक है जहां से विधायक भी देश के सबसे चर्चित नेता सचिन पायलट हैं. उसके चलते यह शहर नेताओं के साथ आला अफसरों का सियासी अखाड़ा बनता जा रहा है. नतीजा यह है कि लाखों लोगों का हलक तर करने वाले जलदाय विभाग में व्यवस्था पिछले कई महीनों से रामभरोसे चल रही है.
जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश गोयल से जब पूरे मामले को लेकर जानकारी जुटाई गई तो उन्होने कुछ इस तरह से दबी जुबान अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि कई अधिशांषी अधिकारी से लेकर जेईएन और स्टॉफ के पद लम्बे समय से रिक्त हैं. इन पदों को भरने के लिए कई बार टोंक जिला कलेक्टर,अजमेर से लेकर जयपुर तक के अधिकारियों और विभाग को पत्रव्यवहार किया जा चुका है.
कहां कितने पद रिक्त हैं
नगर उपखंड टोंक--सहायक अभियंत पद स्वीकृत 1 है वहीं रिक्त है. नगर उपखंड कनिष्ठ अभियंता पद स्वीकृत 4, हैरत की बात है कि चारों ही पद रिक्त हैं. उपखंड उनियारा कनिष्ठ अभियंता के तीन पद स्वीकृत हैं, जिसमे भी एक पद लम्बे समय से रिक्त चल रहा है. इसके साथ ही टोंक शहर में भी तीन में से दो पद रिक्त चल रहे हैं. हालांकि जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश गोयल ने दावा किया है कि इन सभी रिक्त पदों के लिए जिला कलेक्टर से लेकर प्रभारी मंत्री और विभागीय अधिकारियों से लेकर मंत्री तक सबकों जानकारी पत्रों द्वारा कई बार दी जा चुकी है.
रिपोर्टर- पुरूषोत्तम जोशी