पुलिस ने जीप में से 2 टोपीदार बंदूक, बंदूकों की 80 टोपियां, 100 ग्राम बारूद और 1 किलो छर्रे जब्त किए थे. सागवाड़ा डीएसपी नरपतसिंह ने बताया कि घटना के बाद से मामले की जांच चल रही है.
Trending Photos
Sagwara: डूंगरपुर जिले के ओबरी थाना क्षेत्र के घाटा गांव में मोरों के शिकार मामले के 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. मामले में पुलिस ना तो जीप मालिक तक पहुंच पाई है और ना ही अन्य शिकारियों को पकड़कर ला पाई है.
डूंगरपुर जिले के ओबरी थाना क्षेत्र के घाटा का गांव में 2 फरवरी की रात को ओबरी थाना पुलिस ने मोरों का शिकार कर रहे शिकारियों पर कार्रवाई की थी. रात्रि गश्त कर रही पुलिस को देखकर शिकारी तो अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए थे लेकिन, मौके पर मिली जीप में से तलाशी के दौरान पुलिस को बोरे में 5 मारे हुए मोर मिले थे. वहीं पुलिस ने जीप में से 2 टोपीदार बंदूक, बंदूकों की 80 टोपियां, 100 ग्राम बारूद और 1 किलो छर्रे जब्त किए थे. सागवाड़ा डीएसपी नरपतसिंह ने बताया कि घटना के बाद से मामले की जांच चल रही है.
पकड़ी गई जीप अब्दुल वाहिद के नाम से रजिस्टर्ड होने का पता पुलिस ने उसी दिन लगा लिया था लेकिन, पुलिस अब तक जीप मालिक को भी नहीं पकड़ सकी है, जिससे कि शिकारियों का पता लग सके. डीएसपी ने बताया कि अब तक कि जांच में भीलवाड़ा के 2 और डूंगरपुर के 2 शिकारियों के शामिल होने की बात सामने आई है. ओबरी थाना पुलिस की अलग-अलग टीमों ने शिकारियों को पकड़ने के लिए उनके ठिकानों पर दबिश भी दी थी लेकिन कोई भी पकड़ में नहीं आया है.
ये भी पढ़ें- Pratapgarh: सरपंच की हत्या के मामले में खुलासे की मांग, प्रधान ने सौंपा ज्ञापन, आरोपों को बताया निराधार
ऐसे में मामले की जांच अब तक आगे नहीं बढ़ पाई है. डीएसपी ने बताया कि जीप मालिक व शिकारियों के पकड़े जाने के बाद ही जब्त बंदूके, कारतूस और अन्य सामान किसका है इसके बारे में भी पता लगेगा. साथ ही पता चलेगा कि शिकारी मोरों का शिकार कितने समय से कर रहे थे. वहीं मोरों को मारकर कहां बेचा जाता था इसकी भी जांच की जायेगी.
Report-Akhilesh Sharma