Dungarpur: आजादी के 75 साल बाद स्कूलों में नहीं है पढ़ाई व्यवस्था, शिक्षक से लेकर प्रिंसिपल के पद पढ़े खाली
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Dungarpur: आजादी के 75 साल बाद स्कूलों में नहीं है पढ़ाई व्यवस्था, शिक्षक से लेकर प्रिंसिपल के पद पढ़े खाली

 राज्य सरकार शिक्षा के विकास को लेकर कई बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है. डूंगरपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन गवर्मेंट सेकेंडरी और सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में टीचर के सैंकड़ो पद खाली हैं. 

कई स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है.

Dungarpur: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरी है. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा रामभरोसे ही है. सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शिक्षकों के पद ही खाली पड़े हैं. प्रिंसिपल से लेकर हेड मास्टर और लेक्चरर से लेकर शिक्षकों के पद खाली हैं. ऐसे में कई स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है. 

 राज्य सरकार शिक्षा के विकास को लेकर कई बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है. डूंगरपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन गवर्मेंट सेकेंडरी और सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में टीचर के सैंकड़ो पद खाली हैं. कई स्कूलों में तो प्रिंसिपल और हेड मास्टर ही नहीं है. 

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जिले में कुल 375 सरकारी स्कूल है. इसमें 305 सीनियर सेकेंडरी और 70 सेकेंडरी स्कूल है. इन स्कूलों में प्रिंसिपल और हेड मास्टर के 135 पद खाली है. प्रिंसिपल के स्वीकृत 311 पद में से 209 ही कार्यरत है, जबकि सेकेंडरी स्कूलो में हेड मास्टर के स्वीकृत 72 में से 39 ही कार्यरत है. स्कूलो में पढ़ाने वाले शिक्षकों के भी 1 हजार 441 पद खाली है. इसमें लेक्चरर से लेकर वरिष्ठ अध्यापक, लेवल फर्स्ट और सेकेंड के शिक्षकों के पद खाली हैं. 

शिक्षको के खाली पदों का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. पद खाली रहने से बच्चों के सब्जेक्ट की पढ़ाई पूरी नहीं हो रही है. वहीं, बोर्ड के एग्जाम भी नजदीक आ गए है और शिक्षको की कमी से कई स्कूलों में बच्चो का कोर्स भी पूरा नहीं हो पाया है. 

 
पद                       स्वीकृत        कार्यरत      खाली
प्रिंसिपल                 311        209        102
प्रधानाध्यापक            72           39         33
प्राध्यापक                1622        871       751
वरिष्ठ अध्यापक         1918       1598      320
अध्यापक लेवल 2      1207       966        241
अध्यापक लेवल 1       987       858        129

शिक्षा विभाग ने किए वैकल्पिक व्यवस्था
इधर डूंगरपुर जिले में सरकारी स्कूलों में रिक्त चल रहे पदों के बारे में डूंगरपुर जिला माध्यमिक शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी अमृतलाल कलाल ने बताया कि स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया की 5 स्तर पर शिक्षण व्यवस्था की गई है, जिसमे भामाशाह के सहयोग और विकास मद देकर शिक्षकों की व्यवस्था की गई है. वहीं, पीईईओ स्तर पर जो विषय विशेषज्ञ शिक्षक है. पीईईओ अपने लेवल पर उन शिक्षको की सेवा ले रहा है. वहीं, सीबीईओ भी अपने स्तर पर व्यवस्था कर रहे हैं. वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्यालय से भी करीब 195 शिक्षकों की व्यवस्था अध्ययन अध्यापन कार्य के लिए कर रखी है. वहीं, रोजगार कार्यालय से आई सूचि के तहत बेरोजगार युवाओं को भी जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं है. वहां पर व्यवस्था में लगा रखा है. 

बहराल डूंगरपुर जिले के शिक्षा अधिकारी सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों से आ रही परेशानी को दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था से काम चलाने की बात कर रहे है लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षको की कमी एक बड़ी समस्या है. जनप्रतिनिधि भी कई बार अपनी बैठको में इस मुद्दे को उठा चुके है लेकिन अब देखने वाली बात होगी कि जिले सरकारी स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की व्यवस्था सरकार कब तक पूरी कर पाती है या यू ही जिले में वैकल्पिक व्यवस्था से ही काम चलता रहेगा. 

Reporter- Akhilesh Sharma

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