रूस में भारतीय मजदूर की मौत, अंतिम संस्कार के इंतजार में परिजन
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रूस में भारतीय मजदूर की मौत, अंतिम संस्कार के इंतजार में परिजन

लंबे समय से परेशान परिवार के सदस्य आज फिर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और एक बार फिर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए रसिया में पड़े शव को इंडिया लाने की गुहार लगाई.

मृतक के दो बच्चे और पत्नी पिछले लंबे समय से शव इंतजार कर रहे हैं.

Udaipur: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur News) जिले के खेरवाड़ा क्षेत्र के गांव गोड़वा निवासी युवक हितेंद्र पिता देवीलाल गरासिया मजदूरी के लिए रूस (Russia) के मास्को (Moscow) गया. यहां युवक की अचानक मौत हो गई. इसकी जानकारी मृतक के परिजनों को लगी तो मृतक के परिवार के सदस्यों की पैरों तले जमीन खिसक गई. 

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17 अगस्त 2021 से पहले मृतक की किन हालातों और परिस्थितियों में मौत हुई इसकी जानकारी तो दूर की बात है. वहीं, मृतक के दो बच्चे और पत्नी पिछले लंबे समय से शव इंतजार कर रहे हैं. मृतक के परिवार के सदस्यों ने बताया कि हितेंद्र की मौत की जानकारी उनको 17 अगस्त 2021 को एमबीसी (MBC) के माध्यम से पहाड़ा थाना पुलिस ने घरवालों को दी थी.

हालांकि परिवार के सदस्य पिछले लंबे समय से रूस के मास्को में मरे युवक के शव को इंडिया (India) अपने पैतृक गांव लाने के लिए हर तरह से प्रयास कर चुके है. साथ ही रूस में बैठे दूतावास को भी मेल के जरिए इसकी जानकारी दी गई लेकिन अभी तक किसी भी तरह से मृतक के शव को रूस से इंडिया कैसे लाया जाए इसको लेकर कोई पहल नहीं की गई.

ऐसे में परेशान परिवार ने पहले भी कई बार प्रशासन को मन्नते मांग चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. लंबे समय से परेशान परिवार के सदस्य आज फिर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और एक बार फिर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए रसिया में पड़े शव को इंडिया लाने की गुहार लगाई. ऐसे में रसिया के मास्को में मुर्दाघर में पड़े शव का परिवार के सदस्य अब भी इंतजार कर रहे हैं.

परिवार के सदस्यों ने बताया कि शव को लाने के लिए भारत दूतावास, विदेश मंत्री क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा (MP Arjun Lal Meena), राजस्थान संपर्क पोर्टल को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन अब तक किसी की ओर से भी कोई भी जवाब नहीं आया है.

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मृतक के परिवार के सदस्यों ने मीडिया के सामने हाथ जोड़कर मांग की है कि हमारे परिवार के सदस्य के शव को रसिया की मास्को से इंडिया लाया जाए, जिसका हम हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर पाए. ऐसे में अब देखना होगा कि आखिर मृतक के शव को कब तक प्रशासन इंडिया के प्रेत गांव में लेकर आता है क्योंकि मृतक की पत्नी दो बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य अभी उसकी अंतिम क्रिया करने को लेकर इंतजार कर रहे हैं. 

Reporter- Dhreej Rawal

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