डेढ़ महीने से चौपट व्यापार के चलते व्यापारियों का सामान अब भी दुकानों में पड़ा है और तंगहाल के चलते लोग भी ख़रीदारी नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी चौतरफा मार व्यापारियों पर पड़ रही है.
Trending Photos
Dungarpur: जिले में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के चलते होली के बाद से बंद बाजार 43 दिन बाद बुधवार को खुले तो बाजारों में रौनक दिखाई देने लगी, लेकिन व्यापारियों के चेहरे अब भी मायूस है.
यह भी पढ़ें- पुलिस के हत्थे चढ़े 4 शातिर बदमाश, दिनदहाड़े ATM से रुपए निकालने का कर रहे थे प्रयास
डेढ़ महीने से चौपट व्यापार के चलते व्यापारियों का सामान अब भी दुकानों में पड़ा है और तंगहाल के चलते लोग भी ख़रीदारी नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी चौतरफा मार व्यापारियों पर पड़ रही है.
यह भी पढ़ें- Dungarpur: अवैध बजरी परिवहन पर चला Police का डंडा, 3 डंपर किए जब्त
राज्य सरकार (State Government) की ओर से आज सुबह 6 से 11 बजे तक बाजार खोलने की अनुमति के बाद सुबह होते ही बाजारों में भीड़ नजर आने लगी और लोग खरीदारी करने लगे लेकिन व्यापारी वर्ग लॉक डाउन के कारण हुए भारी नुकसान से आहत है.
व्यापारियों का कहना है कि होली के बाद ही शादियों और अन्य कार्यक्रमों का सीजन शुरू हुआ था. इसके लिए कई लोगों ने एडवांस बुकिंग करवाई थी, तो सीजन के कारण कई व्यापारियों ने अपनी दुकानों में सामान भी भर लिया था, लेकिन जन अनुशासन पखवाड़ा लागू होने के बाद से उनकी दुकाने बंद हो गई तो व्यापार चौपट हो गया. लॉकडाउन के कारण कई शादियां कैंसिल हो गईं, जिस कारण उनकी बुकिंग भी कैंसिल हो गई. खासकर सोने, चांदी, फर्नीचर, फोटो स्टूडियो, कपड़े के व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
वहीं, गर्मी के मौसम के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक व्यापार खत्म हो गया. फ्रीज, कूलर, एससी की बिक्री इस बार बिल्कुल नहीं हुई. व्यापारियों ने कहा कि दुकानें भले ही बंद रही लेकिन उन्हें किराया देना पड़ रहा है. वहीं, बंद के दौरान भी लाइट बिल उन्हें दिया गया है. जबकि एक रुपये की कमाई नहीं हुई तो बिल कहां से भरे. व्यापारियों ने सरकार से बिजली के बिल माफ करने और व्यापार का समय बढ़ाने की गुहार लगाई है.
Reporter- Akhilesh Sharma