उदयपुर के स्वर्ण शिल्पकार इकबाल सक्का जिन्होंने विश्व भर की कई खास चीजों को बनाया है. इसमे सोने की सबसे छोटी किताब, राम पादुका, सबसे छोटा तिरंगा, फीफा विश्वकप ट्राफी, क्रिकेट ट्रॉफी के साथ ही कई वस्तुएं बनाई है. अपने नाम विश्व कर्तिमान का शतक लगाया.
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Udaipur News: आप ने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना होगा जो अपने शौक को पुरा करने के लिए इतनी शिद्धत के साथ जुटते है कि विश्व कीर्तिमान बना देते है लेकिन क्या कोई इतना जूनुनी हो सकता है कि विश्व कीर्तिमान बनाने का शतक ही लगा दें. सुनुने में यह भले ही मुश्किल लगे लेकिन ऐसा संभव कर दिखाया है. उदयपुर शहर के एक सुक्ष्म स्वर्ण शिल्पकार ने हकीकत में ऐसा कर दिखाया है. जिन्होंने अपनी सुक्ष्म शिल्पकारी के दम पर एक के बाद एक सौ विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा अनुठा कीर्तिमान रच दिया है.
उदयपुर शहर के मुखर्जी चौक की तंग गलियों में रहने वाले सुक्ष्म शिल्पकार इकबाल सक्का ने अपनी कला के दम पर देश और दूनिया में खुद की अलग पहचान बनाई है. आंखों से भी नहीं दिखने वाली सुक्ष्म कृतियों को बनाने वाले शिल्पकार सक्का ने अपनी कला की बदोलत सौ विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिए है. इसके बाद सक्का देश के पहले ऐसे शिल्पकार बन गए है जिसने सौ विश्व कीर्तिमान अपने नाम दर्ज करवाए है.
इकबाल सक्का बताते है कि बचपन से ही उनके मन में कुछ ऐसा करने की चाहत थी कि वे अपने मुल्क का नाम दूनिया में रोशन कर सकें. स्वर्ण शिल्पकारी का काम करने वाले सक्का ने अपने ही फिल्ड में कुछ अनुठा करने की सोची और वर्ष 1985-86 में उन्होंने महज सौ मिली ग्राम वजन की सोने की जंजीर बना कर भारत का नक्शा बना दिया. अपनी इस कला से उन्होंने दुनिया को संदेश दिया की कैसे भारत पहले सोने की चिड़िया हुआ करता था. वर्ष 1991 में पहली बार सिक्का ने वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया.
इसके बाद सक्का ने कभी पिछले मुड़ कर नहीं देखा. उन्होंने अपने इस अनुठे शौक के दम पर कई कीर्तिमान रचने की ठान ली. बीते साढे चार दशक में सक्का ने एक के बाद एक कई इतनी सुक्ष्म स्वर्ण कलाकृतियां बना डाली की वे अब विश्व रिकॉर्ड का शतक अपने नाम कर चुके है. सक्का अपने इस जूनुन को आगे भी जारी रखना चाहते है.
इकबाद सक्का ने अपने सुक्ष्म कला के दम पर देश प्रेम और साम्प्रदायिक सौहार्द का अनुठा संदेश दिया है. उन्होंने दुनिया का सबसे छोटा तीरंगा झंडा बनाया है जो किसी भी देश का सबसे छोटा राष्ट्रीय ध्वज है. यही नहीं सक्का ने राम मंदिर पर न्यायालय के फैसले के बाद चरण पादूका के साथ राम मंदिर के लिए सोने का सबसे छोटा घंटा और राम नाम अंकीत स्वर्ण की इंट बनाई तो साथ ही अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए अरबी में अल्ला लिखी हुई ईंट और वजू के लिए लौटा बनाया. सक्का ने अपनी कला के दम पर अपने आप को खेल प्रेमी भी बताया है. उन्होंने फीफा वर्ल्ड कप की सबसे छोटी ट्रॉफी भी बनाई जिससे विश्व की सबसे छोटी ट्रॉफी का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है.
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इकबाल सक्का की सुक्ष्म कला कृतियों ने कई रिकॉर्ड बूक में अपना नाम दर्ज कराया है। जिसमें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया, वर्ल्ड रिकॉर्ड हॉल्डर, लिम्का बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड हॉल्डर, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड और मीरेकल्स वर्ल्ड रिकॉर्ड सहीत कई बुक में सिक्कान की कलाकृतियों के नाम दर्ज है.
सक्का के इस उपलब्धी पर परिवार के सदस्य भी काफी खुश है. सक्का के परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हे गर्व है कि काफी प्रयास के बाद भी कई लोग एक रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज नहीं कर पाते है लेकिन सक्का ने रिकॉर्ड दर्ज करने का शतक पुरा कर दिया.