बरसों से चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में कई लोग सच ओर झूठ का फैसला करने के लिए पहले पंचों के सामने अपना पक्ष रखते हैं. उसके बाद शिवलिंग पर हाथ रखकर कसम दिलाई जाती है. दोनों पक्ष कसम के बाद पूरा मामला भगवान चंद्रेश्वर महादेव के भरोसे छोड़ कर विवाद को वहीं खत्म करते हैं.
Trending Photos
Jharol: सावन के पवित्र माह में भगवान शंकर के विशेष पूजा-अर्चना होती है. भक्त अपने आराध्य देव को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं. सावन महीने में आप ने भी भगवान भोलेनाथ के कई रूपों के दर्शन किए होंगे लेकिन आज हम आप को भोलेनाथ के एक ऐसे रूप के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां उन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. महादेव के इस मंदिर एक विशेषता और भी है.
सावन महीने में देशभर के शिवालयों में रुद्राभिषेक, हवन सहित चारों पहर की पूजा-अर्चना के साथ हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है. आज एक ऐसे महादेव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहा भोलेनाथ 12 माह में से 3 माह जल मग्न रहते हैं. वहीं, उन्हें यहां न्याय के देवता के रूप में भी पूजा जाता है. हम बात कर रहे हैं उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल झाडोल उपखण्ड मुख्यालय से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर विराजमान चंद्रेश्वर महादेव की. चंदेश्वर महादेव का मंदिर मानसी नदी के तट पर स्थित है.
यह भी पढ़ें- Video: फिल्म शोले का गाना गाकर गायों को छेड़ रहा था लड़का, फिर जो हुआ, नानी याद आ गई
करीब 600 वर्ष पूर्व इस मंदिर का निर्माण बंजारा जाति के लोगों ने करवाया था तब से लेकर आज तक इस मंदिर में पुजारी की चौथी पीढ़ी पूजा कर रही है. मानसी नदी के तट पर बने होने से मानसी वाकल बांध के पूर्ण रूप से भरने पर इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग के ऊपर करीब 6 फीट पानी भर जाता है. तब मानो ऐसा लगता है की शिव की झाटा में गंगा नही अपितु शिव ही गंगा है. इसके बावजूद इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि ग्रामीण भक्तजन और पुजारी प्रतिवर्ष 2 से 3 माह तक मंदिर के किनारे बने घाट पर ही शिव पूजा और आराधना करते हैं. चंद्रेश्वर महादेव को न्याय के देवता के स्वरूप में भी इस क्षेत्र में पूजा जाता है.
चंद्रेश्वर महादेव मंदिर करते हैं न्याय
दरअसल बरसों से चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में कई लोग सच ओर झूठ का फैसला करने के लिए पहले पंचों के सामने अपना पक्ष रखते हैं. उसके बाद शिवलिंग पर हाथ रखकर कसम दिलाई जाती है. दोनों पक्ष कसम के बाद पूरा मामला भगवान चंद्रेश्वर महादेव के भरोसे छोड़ कर विवाद को वहीं खत्म करते हैं. जानकारों के अनुसार यहां पर झूठी कसम खाने वाले कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्हें बाद शारीरिक और मानसिक कष्ट भोगना पड़ा है. इन उदाहरणों के कारण इस क्षेत्र सहित उदयपुर के अलावा विभिन्न जिलों से भी कई भक्त यहां पहुंचते हैं.
भक्तों की संख्या बढ़ रही है
मानसी वॉकल बांध निर्माण के बाद मंदिर द्वारा ट्रस्ट बनाकर मंदिर विकास के तहत मंदिर के पास नए मंदिर, बगीचे का निर्माण भी करवाया गया है. मानसी वॉकल बांध भरने पर मंदिर के चारों ओर पानी यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. यही कारण है कि हर साल यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ रही है और भोलेनाथ लोगों के विवादों को खत्म कर न्याय के देवता के रूप में भक्तों की पीड़ा दूर कर रहे हैं.
Reporter- Avinash Jagnawat
उदयपुर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढे़ं- सावन में महादेव की पूजा के महाउपाय, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न, मिलेगी तरक्की ही तरक्की
यह भी पढे़ं- पैसा, नौकरी और परिवार की सभी परेशानियां हो जाएंगी दूर, हर रोज अपनाएं ये आसान से उपाय