PM Narendra Modi के साथ बैठक में रणनीति बनने के बाद संसद पहुंचे राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी दलो के सदस्यों से परंपरा को बरकरार रखने की अपील की. जिसके बाद पिछले 4 दिनों से बाधित सदन की कार्रवाई वापस शुरू हो सकी.
Trending Photos
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर लोक सभा (Lok Sabha) में पिछले सप्ताह से जारी गतिरोध आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अपील के बाद समाप्त हो गया. उन्होंने सदन में विपक्ष के सदस्यों से कहा, 'जीवंत लोकतंत्र की परंपरा को बनाए रखना किसी एक पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सबकी जिम्मेदारी होती है.'
सिंह ने आगे कहा, 'सभी इस स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए भी रखना चाहते हैं. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे पद, कोई व्यक्ति नहीं होते हैं, ये संस्था होते हैं. इन संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. मैं लोक सभा के सभी दलों के नेताओं से हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक आग्रह करता हूं कि इस परंपरा को टूटने ना दें. स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करें और राष्ट्रपति का धन्यवाद प्रकट करें.'
ये भी पढ़ें:- जम्मू कश्मीर में पूरी तरह लागू हुआ भारत का संविधान, राज्य सभा ने खास बिल किया मंजूर
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि जिस विषय पर बोलना चाहते हैं, उस विषय पर चर्चा के दौरान बोलें, खुल कर बोलें. कृषि कानूनों पर बोलना चाहते हैं, उस पर भी बोलें लेकिन परंपरा बनाए रखें और सर्वसम्मति से धन्यवाद प्रस्ताव पारित करें. इस पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम जानते हैं कि राष्ट्रपति संस्था होते हैं और हम राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उनके प्रति आभार व्यक्त करने की परंपरा को कभी टूटने नहीं दिया गया. लेकिन हम उन किसानों की बदहाली और बर्बादी पर चुप नहीं रह सकते जो हमें अन्न देते हैं.
ये भी पढ़ें:- Janhvi Kapoor ने सिलवर ड्रेस में दिखाई दिलकश अदाएं, फैंस हुए मदहोश
अधीर रंजन चौधरी ने जोर देकर कहा कि किसान आंदोलन में काफी संख्या में किसानों ने जान गंवाई है. हम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन हमारी मांग यह थी कि किसानों के विषय पर भी अलग से चर्चा हो. देश की संसद किसानों का सम्मान करे और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा हो. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमारी बात तो बाहर नहीं जा पाती है. हम चाहते हैं कि किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए 2-4 घंटे की चर्चा करें. लेकिन बहुमत के बाहुबली हमारी बात को दबा देते हैं. यह कोई हमारी व्यक्तिगत मांग नहीं है बल्कि देश के किसानों के मुद्दे पर बात रखने के लिए हम चर्चा चाहते हैं.’
ये भी पढ़ें:- बीजेपी के गढ़ में पहुंचकर ओवैसी ने भरी हुंकार, कहा- मैं राजनीति की लैला हूं
इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा, ‘मैं राजनाथ सिंह को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सदन चलाने के लिए नेताओं से अनुरोध किया. मेरा भी यही प्रयास था और मैं धन्यवाद करता हूं कि सभी नेताओं ने सहमति जताई. मुझे दुख होता है कि कई सदस्य नारेबाजी करते हैं और कुछ लोग सदन की गरिमा भी नहीं रखते. यह संसदीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश की जनता चाहती है कि सदन चले.
ये भी पढ़ें:- अपनी आंखों में कभी देखा है ये छेद? अगर नहीं, तो चौंक जाएंगे
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पार्लियामेंट की रणनीति तय करने के लिए कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और कैबिनेट मंत्री प्रहलाद जोशी (Pralhad Joshi) मौजूद थे. इसी मीटिंग के बाद रक्षा मंत्री ने सदन में विपक्षी सदस्यों से जाकर सदन चलाने को लेकर अपील की, जिसके बाद कार्रवाई वापस शुरू हो सकी.
ये भी पढ़ें:- 3 लाख से भी कम में खरीद सकते हैं ये 2 धांसू कार, फीचर्स भी हैं कमाल
उल्लेखनीय है कि विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और दिल्ली के कई सीमा क्षेत्रों में चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा पिछले सप्ताह लगातार चार दिन लोक सभा में छाया रहा और इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह कामकाज बाधित रहा. हालांकि आज राजनाथ सिंह की अपील के बाद गतिरोध टूटा और चर्चा शुरू हुई.
LIVE TV